टैक्स वसूली में पिछड़ी पालिका, बकायादारों को थमा रही नोटिस
शासन ने खतौली नगर पालिका परिषद के लिए वार्षिक राजस्व लक्ष्य डेढ़ करोड़ रुपये रखा है लेकिन पालिका वसूली में पिछड़ रही है। राजस्व वसूली समीक्षा में भी पालिका अधिकारियों को फटकार लगी है। लोग गृहकर-जलकर के साथ जलमूल्य भी नहीं चुका रहे हैं। वित्तीय वर्ष समाप्ति की ओर है मगर वसूली 50 फीसद पर थम गई है। सभी मदों और स्रोत के जरिये पालिका अभी तक 80 लाख रुपये का ही राजस्व जुटा पाई है। अब 25 वार्डो में 100-100 बड़े बकाएदारों को नोटिस दिए गए हैं।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। शासन ने खतौली नगर पालिका परिषद के लिए वार्षिक राजस्व लक्ष्य डेढ़ करोड़ रुपये रखा है, लेकिन पालिका वसूली में पिछड़ रही है। राजस्व वसूली समीक्षा में भी पालिका अधिकारियों को फटकार लगी है। लोग गृहकर-जलकर के साथ जलमूल्य भी नहीं चुका रहे हैं। वित्तीय वर्ष समाप्ति की ओर है, मगर वसूली 50 फीसद पर थम गई है। सभी मदों और स्रोत के जरिये पालिका अभी तक 80 लाख रुपये का ही राजस्व जुटा पाई है। अब 25 वार्डो में 100-100 बड़े बकाएदारों को नोटिस दिए गए हैं। मेला छड़ियान नहीं लगने से बिगड़ी स्थिति
कोविड-19 के कारण वर्ष 2020-21 में मेला छड़ियान नहीं लग सका है। इस कारण पालिका को राजस्व जुटाने में सबसे अधिक परेशानी हुई है। मेला छड़ियान राजस्व को सबसे अधिक बढ़ोतरी देता है। एक माह की समयावधि में मेला छड़ियान की दुकानों, बिजली आपूर्ति के साथ पेयजल व्यवस्था से पालिका लगभग 20 से 25 लाख रुपये वसूल करती है। यह धनराशि राजस्व के वार्षिक लक्ष्य में शामिल होती है। यह है पालिका का लक्ष्य
नगर पालिका को वित्तीय वर्ष में 1.52 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया है। इसमें 39.22 लाख रुपये गृहकर, 39.22 लाख रुपये जलकर और 21.18 लाख रुपये जलमूल्य से जुटाने होते हैं। इसके अलावा सबसे अधिक राजस्व के स्रोत होर्डिग्स, बैनर, यूनिपोल, चालान, जुर्माना राशि के रूप में 53 लाख रुपये से अधिक का लक्ष्य रहता है। इन पर लगता है टैक्स
पालिका परिक्षेत्र में वर्ष 2006-11 के सर्वेक्षण के आधार पर 14,200 मकानों पर गृहकर और जलकर लगता है। इनके अलावा 4600 से अधिक कनेक्शन से जलमूल्य वसूला जाता है। खास यह है कि जहां जलमूल्य लगता है, उस भवन, दुकान से जलकर की वसूली नहीं होती है। वर्जन
वित्त वर्ष में पालिका अभी 80 लाख रुपये ही वसूल पाई है। लोगों को नोटिस के जरिए चेतावनी दी जा रही है कि गृहकर-जलकर जमा कराएं। उसके बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
-मनोज कुमार, क्षेत्रीय निरीक्षक, नगर पालिका।