अर्पित विजय वर्गीय बने एसपी सिटी
शासन ने मंगलवार देर शाम बड़े पैमाने पर आइपीएस अधिकारियों के तबादले किए हैं। अलग-अलग जिलों में तैनात अपर पुलिस अधीक्षकों को एसपी बनाया गया है तो कई को इधर से उधर किया गया है। इसी क्रम में जिले में तैनात आइपीएस सतपाल अंतिल को फतेहपुर का एसपी बनाया गया है। उनके स्थान पर आइपीएस अर्पित विजय वर्गीय को मुजफ्फरनगर का एसपी सिटी बनाया गया है। अर्पित विजय वर्गीय सहारनपुर में अपर पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात थे। मूलरूप से राजस्थान कोटा निवासी अर्पित विजय वर्गीय 2017 बैच के आइपीएस अधिकारी है। विजय वर्गीय को एक सख्त अधिकारी के रूप में जाना जाता है।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। शासन ने मंगलवार देर शाम बड़े पैमाने पर आइपीएस अधिकारियों के तबादले किए हैं। अलग-अलग जिलों में तैनात अपर पुलिस अधीक्षकों को एसपी बनाया गया है तो कई को इधर से उधर किया गया है। इसी क्रम में जिले में तैनात आइपीएस सतपाल अंतिल को फतेहपुर का एसपी बनाया गया है। उनके स्थान पर आइपीएस अर्पित विजय वर्गीय को मुजफ्फरनगर का एसपी सिटी बनाया गया है। अर्पित विजय वर्गीय सहारनपुर में अपर पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात थे। मूलरूप से राजस्थान कोटा निवासी अर्पित विजय वर्गीय 2017 बैच के आइपीएस अधिकारी है। विजय वर्गीय को एक सख्त अधिकारी के रूप में जाना जाता है। धमकी देकर मानसिक उत्पीड़न करने का आरोप
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। खतौली के सैनीनगर मोहल्ला निवासी आशीष ने थाने पर तहरीर देकर बताया कि एक व्यक्ति उसे आत्महत्या करने की धमकी देकर मानसिक उत्पीड़न कर रहा है। इससे पीड़ित मानसिक तनाव में है। आरोपित के खिलाफ कार्रवाई कर उसे न्याय दिलाया जाए। पीड़ित आशीष का आरोप है कि काजियान मोहल्ला निवासी एक व्यक्ति उसे फोन कर आत्महत्या की धमकी दे रहा है। इंटरनेट मीडिया पर भी उसके खिलाफ अभद्र टिप्पणी कर रहा है। इससे पीड़ित परेशान है। पुलिस ने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। -जासं दिल्ली पुलिस की बुढ़ाना में दबिश
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। दिल्ली में दर्ज हुए किसी मामले में दिल्ली पुलिस ने कस्बे में दबिश दी। बुढ़ाना कस्बे का एक व्यापारी दिल्ली में दर्ज एक मामले में वांछित चल रहा था। आरोपी की तलाश में दिल्ली पुलिस के उप-निरीक्षक एसके सिंह पुलिस टीम के साथ मंगलवार को बुढ़ाना पहुंचे। उन्होंने कोतवाली में आमद कराते हुए स्थानीय पुलिस के साथ कस्बे के मोहल्ला नई बस्ती में आरोपित की तलाश में दबिश दी। दबिश के दौरान आरोपित पुलिस के हाथ नहीं लगा। पुलिस को बैरंग वापस लौटना पड़ा।