भरत करते वकालत, सीताजी और लक्ष्मण साथ जाते हैं पढ़ने
राम करते हैं मंदिर में पुरोहित का कार्य सीताजी और लक्ष्मण एक साथ जाते हैं कालेज में पढ़ने रावण संभाल रहे हैं प्राइवेट कंपनी का एकाउंट हनुमान जी करते हैं कालेज में बाबूगिरी और भरतजी कर रहे हैं कचहरी में वकालत। जी हां भोपा की रामलीला के कलाकारों के बारे में जानने पर कुछ ऐसा ही मालूम हुआ।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। राम करते हैं मंदिर में पुरोहित का कार्य, सीताजी और लक्ष्मण एक साथ जाते हैं कालेज में पढ़ने, रावण संभाल रहे हैं प्राइवेट कंपनी का एकाउंट, हनुमान जी करते हैं कालेज में बाबूगिरी और भरतजी कर रहे हैं कचहरी में वकालत। जी हां, भोपा की रामलीला के कलाकारों के बारे में जानने पर कुछ ऐसा ही मालूम हुआ।
कस्बा भोपा में अंग्रेजी शासन काल से ही कलाकारों के द्वारा श्रीरामलीला का मंचन किया जा रहा है। कलाकारों का भावपूर्ण अभिनय को देखने के लिए आसपास के कई गांवों के लोग ट्रैक्टर-ट्राली व भैंसा-बुग्गी में सवार होकर रामलीला देखने पहुंचते हैं। युवा रामलीला कमेटी के कलाकारों के बारे में जाना तो मालूम हुआ कि राम का किरदार कर रहे अंकित शर्मा मंदिर में पुरोहित हैं, रावण की भूमिका निभा रहे शुभम शर्मा प्राइवेट कंपनी में एकाउंट देखते हैं, हनुमानजी बने प्रमोद धीमान तो पालीटेक्निक कालेज में बाबू का काम देखते है। लक्ष्मण बने आशीष सैनी व सीताजी बने आकाश कालेज में एक साथ पढ़ने जाते हैं। शत्रुघ्न बने मोनू व सुग्रीव बने मनीष सैनी प्राइवेट फैक्ट्री में नौकरी करते हैं। विभीषण बने मनोज स्कूल में बच्चों को पढ़ाते हैं तो मेघनाथ की भूमिका निभा रहे अंकित प्रजापति सेल्समैन हैं। भरतजी का किरदार निभा रहे श्यामवीर जहां कचहरी में वकालत करते हैं, वहीं बाली बने अमरीश कांत व कुंभकर्ण बने हरीश कांत कृषि विज्ञान केंद्र में सरकारी नौकरी करते हैं। इसके अलावा सुग्रीव बने मोनू सैनी फैक्ट्री में नौकरी व परशुराम बने अंकित प्रजापति मजदूरी करते हैं। हास्य कलाकार योगेश सैनी व मुकेश शर्मा रामलीला मंचन के दौरान दर्शकों को बीच बीच में हंसाते रहते हैं। संरक्षक हरीश राठी, अध्यक्ष अनिल कांत शर्मा, डायरेक्टर शुभम शर्मा, स्टेज डायरेक्टर अमर पाल सैनी, महामंत्री श्यामवीर, उपाध्यक्ष रुपेश कुमार, कोषाध्यक्ष तरूण धीमान आदि मुख्य भूमिका निभा रहे हैं।
बिजनौर के कलाकारों ने किया था मंचन
रजनीश शर्मा ने बताते हैं कि अंग्रेजी शासन काल में गांव के पंडित घमंडी लाल ने श्री रामलीला का आयोजन शुरू कराया था। दो वर्ष तक बिजनौर के कलाकारों ने आकर रामलीला का मंचन किया, तीसरे साल वेदप्रकाश ने आस पड़ोस के युवकों को लेकर रामलीला का मंचन कराया, जिसके बाद से लगातार रामलीला का मंचन किया जा रहा है।