प्रदूषण पर प्रशासन अलर्ट, सड़कों पर जल छिड़काव
शुक्रवार को शहर की सड़कों और पेड़ों पर पानी का छिड़काव किया गया ताकि धूल के कण हवा में न तैर सके। वहीं खेतों में कृषि अपशिष्ट जलाने पर अंकुश लगाने के लिए जनपद के 21 किसानों पर जुर्माना लगाया गया है। इसके साथ ही डीएम ने औद्योगिक इकाइयों के प्रदूषण संबंधित रिपोर्ट अधिकारियों से तलब की है।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। बढ़ते प्रदूषण को लेकर प्रशासन एक्टिव मोड़ पर है। शुक्रवार को शहर की सड़कों और पेड़ों पर पानी का छिड़काव किया गया, ताकि धूल के कण हवा में न तैर सकें। वहीं खेतों में कृषि अपशिष्ट जलाने पर अंकुश लगाने के लिए जनपद के 21 किसानों पर जुर्माना लगाया गया है। इसके साथ ही डीएम ने औद्योगिक इकाइयों के प्रदूषण संबंधित रिपोर्ट अधिकारियों से तलब की है।
प्रदूषण के चलते दो दिन स्कूल-कॉलेज बंद रहे। धूल और धुएं के गुबार से लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है, जिसे देखते हुए प्रशासन ने शहर और देहात में अभियान चलाया है। सरकुलर रोड, आर्य समाज रोड, भोपा रोड, जानसठ रोड, मेरठ रोड आदि मार्गों पर पानी का छिड़काव किया गया, ताकि धूल से लोगों को राहत मिल सके। इसके साथ ही सड़क किनारे के पेड़ों पर पानी की बौछार की गई। सिटी मजिस्ट्रेट अतुल कुमार के नेतृत्व में नगर पालिका की टीम ने पूरे दिन शहर में इस कार्य को किया। सिटी मजिस्ट्रेट अतुल कुमार ने बताया कि सदर तहसील के किसान हरपाल, महल सिंह, जसविद, सुक्का, रविद्र पर 27 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जबकि बागोवाली निवासी इमरान को नोटिस जारी किया गया है। 16 नवंबर को उन्हें जवाब देना है। इसी क्रम में तहसील जानसठ के गांव शाहपुर निवासी सेवा सिंह, पाल्ला, जगराज सिंह, संतोष सिंह, कुलदीप सिंह, महमूदपुर मंगूर निवासी सेवा सिंह, रामराज निवासी अजीत सिंह, सतवीर सिंह, अमृतपाल सिंह, जगजीत सिंह, सुरेंद्र मान, सुभाष, महमूदपुर मूंगर निवासी भागवाना और नंगला कलां निवासी सुरजभान पर 37 हजार 500 रुपये का जुर्माना किया गया है। इनमें किसान पाल्ला पर दो जगह कृषि अपशिष्ट जलाने पर पांच हजार का जुर्माना हुआ है। सेटेलाइट ने अफसरों को जगाया
जानसठ : रामराज खादर क्षेत्र कई स्थानों पर कृषि अपशिष्ट जलाए गए। इसकी जानकारी अधिकारियों को निजी स्त्रोत से नहीं लग पाई। सेटेलाइट की रिपोर्ट के बाद ही अधिकारियों ने किसानों पर जुर्माना लगाया। तहसीलदार अमित कुमार का कहना है कि 15 किसानों पर ही 2500 रुपये प्रति किसान के हिसाब से जुर्माना लगाया गया है। कृषि अपशिष्ट जलाने की सूचना सेटेलाइट की रिपोर्ट से मिली है। इसके बाद ही किसानों को चिन्हित किया गया। सेटेलाइट रिपोर्ट के आधार पर ही किसानों पर कार्रवाई की गई है।