जानलेवा हमले के नौ आरोपित साक्ष्य के अभाव में बरी
छह वर्ष पूर्व नई मंडी थाना क्षेत्र के गांव जटमुझेड़ा में घर पर धावा बोलकर गोली मारकर दो लोगों को घायल किए जाने के मामले में दर्ज कराए गए मुकदमे में विशेष न्यायाधीश एससी एसटी (अत्याचार निवारण अधिनियम) कोर्ट के जज वीरेंद्र कुमार पांडेय ने साक्ष्य के अभाव में सभी नौ आरोपितों को बरी कर दिया।
जेएनएन, मुजफ्फरनगर। छह वर्ष पूर्व नई मंडी थाना क्षेत्र के गांव जटमुझेड़ा में घर पर धावा बोलकर गोली मारकर दो लोगों को घायल किए जाने के मामले में दर्ज कराए गए मुकदमे में विशेष न्यायाधीश एससी एसटी (अत्याचार निवारण अधिनियम) कोर्ट के जज वीरेंद्र कुमार पांडेय ने साक्ष्य के अभाव में सभी नौ आरोपितों को बरी कर दिया।
अभियोजन के अनुसार दो अक्टूबर 2014 को नई मंडी थाना क्षेत्र के गांव जट मुझेड़ा निवासी दलित जगवीरा ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि उसका बेटा रवीश रामलीला देखने गया था। वहां पर बैठने को लेकर कुछ लोगों से उसका झगड़ा हो गया था। गांव के जिम्मेदार लोगों ने दोनों पक्ष में समझौता करा दिया था। आरोप था कि अगले दिन राजीव, संजीव उर्फ भूरा पुत्रगण वेदपाल, नकुल पुत्र शरणवीर, जसबीर व कुशल पुत्रगण सितार सिंह, मनोज पुत्र ओमप्रकाश, मोनित पुत्र ओमपाल निवासीगण जट मुझेड़ा तथा कल्लू पुत्र महेंद्र निवासी पचेंडा एवं परमित पुत्र ओमपाल निवासी हथियाथल जनपद हरिद्वार हाल निवासी जटमुझेड़ा ने घर पर धावा बोल दिया था और उसके बेटे रवीश तथा एक अन्य को गोली मार दी थी। दोनों को गंभीर घायल अवस्था में जिला अस्पताल भर्ती कराया गया था। जहां से उन्हें मेडिकल कालेज मेरठ रेफर कर दिया गया था। पुलिस ने जानलेवा हमला, एससी-एसटी एक्ट, बलवा, धमकी सहित अन्य गंभीर आरोपों के तहत नौ आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था। सुनवाई के दौरान वादी मुकदमा ने नामजद आरोपियों के घटना में शामिल होने की जानकारी से इन्कार कर दिया था। इसके उपरांत कोर्ट ने सभी नौ आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।