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मुंबई में 'चमका' हैदरपुर झील का 'नजारा'

चरथावल के घिस्सूखेड़ा के रहने वाले आशीष कुमार आर्य पक्षियों पर शोध कर रहे हैं। वह हरिद्वार के साथ शुकतीर्थ हैदरपुर झील में प्रवासी पक्षियों पर अपना शोध कर रहे हैं। शोधार्थी ने अपने अब तक किए कार्यों को मुंबई के लोनावला में हुए पक्षी वैज्ञानिक सम्मेलन में रखा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 Nov 2019 06:58 PM (IST)Updated: Sat, 30 Nov 2019 06:58 PM (IST)
मुंबई में 'चमका' हैदरपुर झील का 'नजारा'
मुंबई में 'चमका' हैदरपुर झील का 'नजारा'

मुजफ्फरनगर, जेएनएन। चरथावल के घिस्सूखेड़ा के रहने वाले आशीष कुमार आर्य पक्षियों पर शोध कर रहे हैं। वे हरिद्वार के साथ शुकतीर्थ, हैदरपुर झील में प्रवासी पक्षियों पर अपना शोध कार्य फोकस कर रहे हैं। शोधार्थी ने अपने अब तक किए कार्यों को मुंबई के लोनावला में हुए पक्षी वैज्ञानिक सम्मेलन में रखा है। यह कार्यक्रम मुंबई नेचुरल सोसायटी ने किया। जिसमें देश-विदेश से आए वैज्ञानिकों के बीच हैदरपुर वैटलैंड को रखा। जिस पर वैज्ञानिकों ने मंथन किया है। शोध में बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण प्रवासी पक्षियों में कमी दर्ज की जा रही है।

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गुरुकुल कांगड़ी विवि से आशीष पक्षियों पर शोध व अध्ययन कर रहे हैं। वे बताते हैं कि पिछले एक दशक में हैदरपुर वैटलैंड के आसपास जलवायु तेजी से बदली है। इसके पीछे कंकरीट के जंगल बनना और आसपास निर्माण कार्य होना है। जिस कारण झील के निकट पक्षियों में पहले जैसा निवास नहीं रहा है। हालांकि यहां हर वर्ष प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं। जलवायु परिवर्तन और पर्याप्त रूप से निवास नहीं मिलने के कारण राजकीय पक्षी सारस क्रेन में भी कमी देखी गई है। इसकी संख्या पहले के मुकाबले लगभग 50 फीसद घट गई है। यह बड़ी चिता का विषय है। आशीष ने यहां नीदरलैंड के पक्षी वैज्ञानिक प्रोफेसर तेज मुंधकर के साथ हैदरपुर झील को लेकर मंथन किया। प्रोफेसर मुंधकर ने हैदरपुल देखने और यहां ठहरने वाले पक्षियों को लेकर उत्सुकता जताई है। आशीष ने सम्मेलन में बताया कि प्रवासी पक्षी एक स्थान के से दूसरे स्थान पर प्रवास एक निश्चित मार्ग से ही करते है। जिसे पक्षी का फ्लाई-वे कहा जाता है। भारतीय उपमहाद्वीप में पहुंचने वाले अधिकतर पक्षी सेंट्रल एशियन फ्लाई-वे और अफ्रीकन-यूरेशियन फ्लाई-वे द्वारा प्रवास करके भारतीय उपमहाद्वीप मे पहुंचते है। विलुप्त हो रही गिद्ध, सारस आदि प्रजातियां के संरक्षण के लिए पहले करने पर विचार किया गया।


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