पुलिस चौकी फूंकने में एक दोषी को पांच वर्ष की सजा
18 साल पहले भंडूर पुलिस चौकी फूंकने और पथराव की घटना में अदालत ने सुनवाई कर एक आरोपित को दोषी पाते हुए पांच वर्ष की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषी पर तीन हजार का अर्थदंड भी लगाया है। इस मामले में कोर्ट 26 फरवरी 2020 में 25 दोषियों को पहले ही पांच-पांच वर्ष की सजा सुना चुकी है।
जेएनएन, मुजफ्फनगर। 18 साल पहले भंडूर पुलिस चौकी फूंकने और पथराव की घटना में अदालत ने सुनवाई कर एक आरोपित को दोषी पाते हुए पांच वर्ष की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषी पर तीन हजार का अर्थदंड भी लगाया है। इस मामले में कोर्ट 26 फरवरी, 2020 में 25 दोषियों को पहले ही पांच-पांच वर्ष की सजा सुना चुकी है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता किरण पाल कश्यप ने बताया कि आठ मई, 2002 को सिखेड़ा थाना के तत्कालीन प्रभारी बीपी सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था। बताया था कि भंडूर गांव निवासी सोहनवीर सिंह का अपहरण हो गया था। उक्त मामले में पुलिस ने आरोपित निर्मल सिंह, सतनाम सिंह और जसबीर सिंह को गिरफ्तार कर पुलिस चौकी में बंद कर दिया था। इसके बाद हिसक भीड़ ने पुलिस चौकी को घेर लिया और अभियुक्तों को ग्रामीणों के हवाले करने की मांग की। पुलिस के इनकार करने पर भीड़ ने हमला कर पुलिस चौकी को आग लगा दी और पुलिस पर पथराव किया। पथराव में कई पुलिसकर्मी घायल हुए। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता किरण पाल कश्यप ने बताया कि घटना के मुकदमे की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट-12 छोटेलाल यादव की कोर्ट में हुई। बताया कि उक्त मामले में कोर्ट ने 26 फरवरी, 2020 को सुनवाई कर 25 आरोपितों को दोषी ठहराते हुए पांच-पांच वर्ष की सजा सुनाई थी। बताया कि 26वां आरोपित हरबंश सिंह पुत्र सुक्खन निवासी भंडूर कोर्ट से फरार हो गया था। बताया कि कोर्ट ने हरबंश को दोषी करार देते हुए पांच वर्ष की सजा सुनाई। एडीजीसी ने बताया कि दोषी पर तीन हजार का अर्थदंड भी लगाया गया।