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संक्रमण के उपचार को तैयार रहे 890 आक्सीजन सपोर्टेड बेड

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए। संक्रमण दर बढ़ने के साथ ही अस्पतालों में उपचार की सुविधा भी बढ़ाई गई थी। जिले के विभिन्न अस्पतालों में 890 आक्सीजन सपोर्टेड बेड की व्यवस्था की गई थी जबकि 49 बेड पर वेंटीलेटर लगाए गए थे। तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर वेंटीलेटर व आक्सीजन बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 06:40 PM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 06:40 PM (IST)
संक्रमण के उपचार को तैयार रहे 890 आक्सीजन सपोर्टेड बेड
संक्रमण के उपचार को तैयार रहे 890 आक्सीजन सपोर्टेड बेड

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए। संक्रमण दर बढ़ने के साथ ही अस्पतालों में उपचार की सुविधा भी बढ़ाई गई थी। जिले के विभिन्न अस्पतालों में 890 आक्सीजन सपोर्टेड बेड की व्यवस्था की गई थी, जबकि 49 बेड पर वेंटीलेटर लगाए गए थे। तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर वेंटीलेटर व आक्सीजन बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है।

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कोरोना की पहली व दूसरी लहर में जिले में 30,644 लोग संक्रमित हुए। हालांकि 30,367 मरीज उपचार के बाद स्वस्थ हुए, लेकिन दूसरी लहर के दौरान बीमार लोगों को उपचार के लिए भटकना पड़ा। अस्पतालों में आक्सीजन सपोर्टेड बेड की संख्या कम पड़ गई। वेंटीलेटर के लिए भी हाहाकार मचा। मेडिकल कालेज में बढ़ाए गए 100 आक्सीजन सपोर्टेड बेड

मुजफ्फरनगर मेडिकल कालेज में कोरोना मरीजों के लिए 300 बेड निर्धारित किये गए थे। 200 बेड एल-2 मरीजों के लिए तथा 100 बेड एल-3 मरीजों के लिए निर्धारित थे। सभी बेड पर आक्सीजन की व्यवस्था की गई थी। तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर मेडिकल कालेज में आक्सीजन के दो अतिरिक्त प्लांट स्थापित कराने के बाद आक्सीजन सपोर्टेड 100 अतिरिक्त बेड की व्यवस्था की गई है। 200 संक्रमित मरीजों को दी गई थी आइसोलेशन की सुविधा

कोरोना की पहली तथा दूसरी लहर के दौरान एल-1 मरीजों के उपचार के लिए जानसठ रोड स्थित आवासीय कालोनी द्वारिका सिटी में 200 आइसोलेशन बेड की व्यवस्था की गई थी। तसीरी लहर के मद्देनजर द्वारिका सिटी में 100 आइसोलेटेड बेड बढ़ाने की योजना है। निजी अस्पतालों में 195 मरीजों को दिया जा सकता है उपचार

स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में मुजफ्फरनगर मेडिकल कालेज में संक्रमित मरीजों के उपचार की बड़ी व्यवस्था की गई थी, जबकि जिले के विभिन्न निजी अस्पतालों में 195 मरीजों को एक साथ उपचार दिया जा सकता था। इनमें 185 बेड पर एल-2 तथा 10 बेड पर एल-3 के मरीज उपचार पा सकते थे। जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भी 30 मरीजों के उपचार की व्यवस्था थी।


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