87 बरस के जवान ने बताया 'घायल कश्मीर' का इलाज
पाक चीन के खिलाफ जंग लड़ चुके हैं विजयपाल सिंह। पीएम नरेंद्र मोदी को अपनी किताब भेंट कर चुके फौजी।
मुजफ्फरनगर(कपिल कुमार) : 87 बरस की उम्र और चेहरे पर झुर्रियां। काया करकश है, लेकिन देशभक्ति का जज्बा आज भी हिलौरे मारता है। भारतीय सेना में रहते पाकिस्तान और चीन के खिलाफ जंग लड़ीं। कश्मीर में एक दशक तक तैनात रहे विजयपाल सिंह आतंक से जूझती घाटी में आए दिन हो रहे खून-खराबे से व्यथित हैं। दहशतगर्दी पर लिखी उनकी पुस्तक 'घायल कश्मीर' में षड्यंत्र, आतंकवाद और इनके समाधान को प्रस्तुत किया गया है। पूर्व फौजी ने एक समारोह में यह किताब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी भेंट की है। वह कहते हैं कि पाकिस्तान नहीं सुधरा तो भविष्य में उसके चार टुकड़े होने तय हैं।
बघरा ब्लाक में शामली रोड पर काजीखेड़ा गांव बसा है। यहां किसान चौधरी संग्राम सिंह के घर जन्मे विजयपाल सिंह उर्फ जापान में देशप्रेम की भावना बचपन में ही जागृत हो गई। शहर के डीएवी कालेज से इंटरमीडिएट उत्तीर्ण करने के बाद वह सेना में भर्ती हो गए। फौज में रहते हुए उन्होंने चीन और पाकिस्तान के खिलाफ 1962, 1965 और 1971 के युद्ध लड़े। जिज्ञासु प्रवृत्ति के सैनिक ने कश्मीर पर गहन अध्ययन किया। स्वतंत्रता संग्राम से पहले कश्मीर की स्थिति को समझा, बंटवारे के बाद घाटी की बदली मनोदशा का बारीकी से चितन किया। जिस समय वह सेना से रिटायर हुए, तब कश्मीर के हालात इतने खराब नहीं थे। राजनीतिक पटल पर ही कश्मीर मुद्दा था। कश्मीर में तैनाती मिलना खुशी की बात होती थी। वर्ष 1980 में सेवानिवृत्त हुए विजयपाल सिंह अपने गांव लौट आए, मगर कश्मीर को नहीं भूले। वह मानते हैं कि भारत-पाक विभाजन में बरती गई खामियों की वजह से ही धरती का स्वर्ग कश्मीर आज नरक बन गया है। तीन दशक से आतंकियों और दहशतगर्दी से कश्मीर कराह रहा है। पीओके और कश्मीर की सीमाएं असुरक्षित होने की वजह से घुसपैठ, आतंकवाद, तस्करी जैसी समस्याएं बढ़ी हुई हैं।
पूर्व थलसेना अध्यक्ष एवं केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह ने रेवाड़ी में पूर्व सैनिकों का सम्मेलन रखा था, जिसमें आए प्रधानमंत्री को विजयपाल सिंह ने अपनी पुस्तक भेंट की थी। विग कमांडर अभिनंदन की देश वापसी से प्रफुल्लित यह बुजुर्ग कहते हैं कि आतंकियों को जब तक मुंहतोड़ जवाब नहीं दिया जाएगा, तब तक कश्मीर में अमन-चैन कायम नहीं होगा। पुलवामा आतंकी हमले के बाद पीओके में इंडियन आर्मी की सर्जिकल स्ट्राइक सही फैसला था। विश्व में भारत की नीति और पराक्रम का संदेश गया है। अब भी कश्मीर में आतंकी घुसे हुए हैं, उन्होंने वहां के युवाओं को बरगला रखा है। पाकिस्तान ने यदि अपने मुल्क से आतंकी अड्डे खत्म नहीं किए तो उसके चार टुकड़े होने निश्चित हैं।