पालिका और नगर पंचायतों पर 3.62 करोड़ का जुर्माना
जागरण संवाददाता मुजफ्फरनगर जनपद और शामली की नगर पालिकाओं समेत नगर पंचायातों पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बड़ी कार्रवाई की है। शहर और खतौली पालिका समेत चार अन्य पंचायातों पर 2.12 करोड़ तथा शामली और कांधला पालिका समेत चार पंचायतों के विरूद्ध 1.50 करोड़ रूपये का जुर्माना लगाया गया है। यह कार्रवाई घरेलू सीवेज के दूषित जल को बिना शुद्धिकरण किए काली पश्चिमी पूर्वी और हिडन नदी में प्रवाहित कर रही है। इसके चलते यह प्रदूषण फैलाने की दोषी पाई गई है। दोनों जनपदों के सरकारी विभागों में प्रदूषण बोर्ड की यह सबसे बड़ी कार्रवाई है।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर: मुजफ्फरनगर और शामली की नगर पालिकाओं समेत नगर पंचायतों पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने बड़ी कार्रवाई की है। शहर और खतौली पालिका समेत चार पंचायतों पर 2.12 करोड़ 82 हजार रुपये तथा शामली और कांधला पालिका समेत चार पंचायतों के विरुद्ध 1.50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह कार्रवाई घरेलू सीवेज के दूषित जल का बिना शुद्धिकरण किए काली पश्चिमी, काली पूर्वी और हिडन नदी में प्रवाहित करने पर की गई। दोनों जनपदों के नगर निकायों पर बोर्ड की यह सबसे बड़ी कार्रवाई है।
उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी विवेक राय ने बताया कि इन नगर निकायों में घरेलू सीवेज के दूषित जल को शुद्ध करने के पर्याप्त साधन नहीं मिले हैं। मुजफ्फरनगर पालिका को छोड़कर अन्य किसी के पास सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी नहीं है, हालांकि यह प्लांट भी जांच में बंद पाया गया है। ये निकाय काली और हिडन नदी को प्रदूषित कर रहे हैं। इसी तरह शामली की हिडन (कृष्णी नदी) में घरेलू अपशिष्ट को सीधे बहाया जा रहा है। इससे इन नदियों का वजूद सिमट रहा है और आसपास का भू-गर्भ व भूजल भी दूषित श्रेणी में पहुंच रहा है। इन नदियों के किनारे बसे गांवों में दूषित जल के कारण हालात चिंताजनक हो गए हैं।
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मुजफ्फरनगर पालिका पर सबसे बड़ा जुर्माना
मुजफ्फरनगर नगर पालिका के खिलाफ सबसे बड़ी कार्रवाई की गई है। इस पालिका के पास साढ़े 32 एमएलडी का एसटीपी है, लेकिन इसे चालू नहीं रखा गया है। इसके चलते पालिका के खिलाफ 62 लाख 22 हजार रुपये का जुर्माना किया गया है। इसके नालों में मानकों के विपरीत हानिकारक पदार्थ और केमिकल मिले थे। आठ नालों के जरिए काली पश्चिमी नदी में दूषित जल को प्रवाहित कर रही है।
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'दैनिक जागरण' ने प्रमुखता से उठाया था मुद्दा
काली और हिडन को दूषित करने का मामला 'दैनिक जागरण' ने प्रमुखता से उठाया था। तीन दिसंबर के अंक में 'काली नदी वेस्ट में प्रदूषण की कालिख' तथा आठ दिसंबर के अंक में नालों में बह रहा जहर..एसटीपी पड़ा बंद के शीर्षक से खबरें प्रकाशित की गई थीं। इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस मामले की जांच की।