आइपीएल रोहाना से मुक्त कराई जाएगी 30 बीघा जमीन
रोहाना क्षेत्र के गांव बहेड़ी की परिसीमा में स्थित श्मशान घाट की जमीन को डीएम ने कब्जामुक्त करने के आदेश दिए हैं। करीब 30 बीघा बेशकीमती जमीन का एक के बाद एक गलत तरीके से आवंटन हुआ। वर्ष 2010 से उक्त जमीन आइपीएल (इंडियन पोटाश लिमिटेड) फर्म के अधिकार क्षेत्र में है।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। रोहाना क्षेत्र के गांव बहेड़ी की परिसीमा में स्थित श्मशान घाट की जमीन को डीएम ने कब्जामुक्त करने के आदेश दिए हैं। करीब 30 बीघा बेशकीमती जमीन का एक के बाद एक गलत तरीके से आवंटन हुआ। वर्ष 2010 से उक्त जमीन आइपीएल (इंडियन पोटाश लिमिटेड) फर्म के अधिकार क्षेत्र में है।
खसरा संख्या 635 में दर्ज करीब 30 बीघा जमीन को लेकर सालों से मामला डीएम की कोर्ट में चल रहा है। बहेड़ी के ग्रामीणों का कहना है कि श्मशान घाट की जमीन को गलत तरीके से आवंटित किया गया। वर्ष 1975 में एसडीएम सदर ने उक्त जमीन के पट्टे 10 दलितों के नाम कर दिए। सालों तक दलित जमीन पर काबिज रहे। वर्ष 1989 में पट्टेदारों से उप्र राज्य चीनी निगम ने पेट्टे अपने नाम करा लिए। साथ ही राज्यपाल से सरकारी गजट में अनुमोदन करा लिया गया। रोहाना शुगर मिल वर्ष 2010 तक निगम की मिल रही। वर्ष 2010 में इसे आइपीएल फर्म ने खरीद लिया था, तब से उक्त जमीन पर आइपीएल का कब्जा रहा। बहेड़ी के ग्रामीणों ने कई बार धरना-प्रदर्शन किया। सुदेश कुमार शुक्ला के साथ भाजपा नेता विपुल बहेड़ी कई बार घरने पर बैठे। जब भी शुगर मिल की ओर से निर्माण कार्य कराने का प्रयास किया गया, तभी ग्रामीणों ने पुरजोर विरोध किया। वर्ष 2016 से ग्रामीणों और मिल प्रबंधन में कई बार टकराव के हालात बने, जिसके चलते पुलिस बल तैनात करना पड़ा।
पांच माह पूर्व रज्यपाल आनंदीबेन पटेल जब जनपद में आईं तो भाजपा नेता विपुल बहेड़ी ने उनके समक्ष मामला उठाया। मामले का निस्तारण कर श्मशान घाट की जमीन कब्जामुक्त कराने की मांग की। तब से मामले में तेजी से सुनवाई हुई। डीएम सेल्वा कुमारी जे ने ग्रामीणों के पक्ष में आदेश जारी करते हुए 45 साल पहले हुए पट्टों को निरस्त किया है। साथ ही एसडीएम सदर और तहसीलदार को विवादित भूमि पर कब्जा लेकर राजस्व अभिलेखों में जमीन को मूल नौय्यत में दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
सत्य की हुई जीत: विपुल
इस मामले की दो साल से भाजपा नेता विपुल बहेड़ी पैरवी कर रहे हैं। उन्होंने राज्यपाल व मुख्यमंत्री को मामले से अवगत कराया। फैसला ग्रामीणों के पक्ष में आने पर उन्होंने कहा कि सत्य की जीत हुई है। डीएम ने जनहित में फैसला दिया है।