295 करोड़ के विकास कार्यो पर लगी मुहर
जिला योजना समिति की बैठक में जिले के प्रभारी मंत्री सतीश महाना ने 295.16 करोड़ रुपए के विकास कार्यों पर मुहर लगाई।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। जिला योजना समिति की बैठक में जिले के प्रभारी मंत्री सतीश महाना ने 295.16 करोड़ रुपये के विकास कार्यों पर मुहर लगाई। विभागीय अधिकारियों ने बैठक में अपने-अपने विभाग का बजट रखा। बीते वर्ष का एक चौथाई बजट नहीं मिलने की बात भी उठी। मंत्री ने कहा कि अधिकारी सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य करें। ग्रामीण, किसान, मजदूर समेत व्यापारी परेशान नहीं होना चाहिए। अफसर समन्वय बनाकर कार्य करें।
औद्योगिक विकास मंत्री के समक्ष विभागीय अधिकारियों ने प्रस्ताव रखे। सभी प्रस्तावों पर मंत्री ने सहमति जताई। उन्होंने कहा कि सभी प्रस्ताव को शासन को भेज दिया जाए, ताकि धनराशि भिजवाई जा सके। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। सरकारी पैसे का सदुपयोग करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई होगी। जिला योजना की बैठक से डीएम की स्वीकृति के बगैर गैरहाजिर अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया। पराग के प्रबंधक के अनुपस्थित रहने पर स्पष्टीकरण लेने के निर्देश डीएम को दिए। प्रभारी मंत्री ने कहा कि अधिकारी संवेदनशील होकर लोगों की समस्याओं के बारे में जाने और उनका निराकरण कराते हुए उन्हें जवाब भी भिजवाए। तालाबों की खुदाई का कार्य तेजी से कराया जाए। बरसात को देखते हुए तेजी से पौधारोपण कराने के निर्देश दिए। इस दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान, सदर विधायक कपिल देव अग्रवाल, बुढ़ाना विधायक उमेश मलिक, पुरकाजी प्रमोद ऊंटवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष आंचल तोमर, एसएसपी सुधीर कुमार, सीडीओ अर्चना वर्मा आदि मौजूद रहे। केवल 20 फीसदी मिला बजट
डीएम अजय शंकर पांडेय ने बैठक में कहा कि वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए जनपद के लिए जिला योजना के तहत 291.06 करोड़ रुपये का बजट पास हुआ था। जिसके सापेक्ष केवल 59.75 करोड़ रुपये ही मिले हैं। वर्ष 2019-20 के लिए 295.16 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। मंत्री ने कहा कि कई सालों से शासन से बजट कम जारी हो रहा है। अधिकांश पैसा दूसरी योजनाओं के माध्यम से सीधे भेज दिया जाता है। केंद्रीय मंत्री के विभाग का बजट शून्य
जिला योजना समिति की बैठक में कई विभागों के अधिकारियों ने कोई बजट नहीं रखा, जिसमें केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान का मत्स्य विभाग भी शामिल है। इसके अलावा सहकारिता विभाग, सिचाई एवं जल संसाधन, ग्राम्य विकास, रेशम उद्योग, प्राविधिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, परिवार कल्याण, पंचायती राज, पीडब्लूडी समेत कार्यक्रम विभाग का बजट शून्य रहा। बता दें कि इनमें से अधिकांश विभाग का बजट केंद्र सरकार से जारी होता है। प्रमुख विभागों का बजट:
विभाग बजट (लाख रुपये में)
कृषि 24
गन्ना 1790
पशुपालन 291
दुग्ध विकास 210
डीआरडीए 313
मनरेगा 1662
पंजायत राज 3540
लघु सिचाई 494
ऊर्जा स्त्रोत 125
सड़क व पुल 8867
एलोपैथिक 2734