200 साल पुराना पुल गिरा, बाल-बाल बचे अधिकारी
ब्रिटिश काल में काली नदी पर बना करीब 200 साल पुराना पुल अचानक भरभराकर गिर गया। पुल गिरने से वहां अफरातफरी मच गई। साइट पर अन्य निर्माण कार्यो में लगी सेतु निगम अधिकारियों व कर्मचारियों की टीम गिरे पुल की चपेट में आने से बाल-बाल बच गए।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। ब्रिटिश काल में काली नदी पर बना करीब 200 साल पुराना पुल अचानक भरभराकर गिर गया। जर्जर पुल से सटकर बना सेतु निगम का टिनशेड का कैंप कार्यालय भी पुल के साथ मलबे में मिल गया। गनीमत रही कि उस वक्त कार्यालय में कोई नहीं था। साइट पर अन्य निर्माण कार्यों में लगी सेतु निगम अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम बाल-बाल बची। पुल पर खड़ा एक स्कूटर भी नीचे गिर गया। हालांकि, कोई जानी नुकसान नहीं हुआ।
शहर में काली नदी पर अंग्रेजों के समय बने करीब 70 मीटर लंबे पुल की मियाद खत्म होने के चलते करीब दो वर्ष पूर्व इस पर वाहनों का आवागमन पूर्णरूप से बंद कर दिया था। इसके बराबर में सेतु निगम ने नया पुल बनाकर वाहनों के लिए खोल दिया था। करीब छह करोड़ रुपये की लागत से एक अन्य पुल पर भी उत्तर प्रदेश सेतु निगम कार्य कर रहा है।
इन दोनों पुल के बीच में बना जर्जर पुल सोमवार को अचानक तेज आवाज के साथ भरभराकर गिरा तो अफरातफरी मच गई। अन्य पुल के निर्माण में लगे सेतु निगम के कर्मचारी, अधिकारी डरकर सड़क पर आ गए। पुल के मलबे का निरीक्षण करने के बाद अधिकारियों ने उच्च अधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद कैंप कार्यालय का सामान और स्कूटर को निकलवाया। विद्युत निगम ने भी की लापरवाही
भरभराकर गिरे पुल के साथ विद्युत पोल और तार भी टूट गए। सेतु निगम ने नए पुल निर्माण के चलते विद्युत निगम को पहले ही तार और पोल हटाने का नोटिस दे दिया था, लेकिन लापरवाह बिजली अफसरों ने कोई गौर नहीं किया।
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जो पुल गिरा है, वह करीब 200 साल पुराना था। टीम साइट पर अन्य पुल का निर्माण कार्य करा रही थी। इसके चलते उन्होंने स्वयं पुल को गिरते देखा है।
-जेएस स्याना, अधिशासी अभियंता सेतु निगम