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आपके बच्‍चे की छूट गई है पढ़ाई, वह नहीं जाता स्‍कूल तो न करें चिंता, शिक्षक ऐसे बच्‍चों को लेंगे गोद

Education in Council Schools जिलाधिकारी के निर्देश पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जारी किया आदेश। हर एक अध्यापक को लेना होगा एक बच्चे को गोद।

By Narendra KumarEdited By: Published: Wed, 09 Sep 2020 01:05 PM (IST)Updated: Wed, 09 Sep 2020 01:05 PM (IST)
आपके बच्‍चे की छूट गई है पढ़ाई, वह नहीं जाता स्‍कूल तो न करें चिंता, शिक्षक ऐसे बच्‍चों को लेंगे गोद
आपके बच्‍चे की छूट गई है पढ़ाई, वह नहीं जाता स्‍कूल तो न करें चिंता, शिक्षक ऐसे बच्‍चों को लेंगे गोद

मुरादाबाद (प्रांजुल श्रीवास्तव)। बीच से स्कूल छोड़ चुके व अब तक स्कूल की दहलीज तक नहीं पहुंचे बच्चों को अब गुरुजी गोद लेंगे। इन बच्चों को कक्षा आठ तक परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा दिलाने की जिम्मेदारी भी इन्हीं अध्यापकों की होगी। जिलाधिकारी के निर्देश पर आउट ऑफ स्कूल बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी योगेंद्र कुमार द्वारा यह आदेश जारी किया गया है।

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उन्होंने बताया कि करीब 15 दिन बाद इसकी समीक्षा भी की जाएगी। शासन की ओर से इस बार जिले को नौ हजार आउट ऑफ स्कूल बच्चों के पंजीकरण परिषदीय विद्यालयों में कराने का लक्ष्य दिया गया है। इन बच्चों के पंजीकरण के लिए अध्यापक घर-घर जाकर सर्वे कर रहे हैं और बच्चों का पंजीकरण भी करा रहे हैं। लेकिन, ज्यादा से ज्यादा बच्चों को जोड़ने के लिए अध्यापकों को टारगेट दिया गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी योगेंद्र कुमार ने बताया कि हर एक शिक्षक गांव के एक ऐसे बच्चे को गोद लेगा जो स्कूल नहीं आ रहा होगा। इस बच्चे के अभिभावकों से बात करके उसका दाखिला करवाने व कक्षा आठ तक बच्चे को परिषदीय स्कूलों में पढ़ाने की जिम्मेदारी भी अध्यापक की होगी।

बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इसको लेकर आदेश भी जारी कर दिया है। निरीक्षण में देखे जाएंगे कितने बच्चों को लिया गया गोद बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे जिस भी स्कूल का निरीक्षण करें वहां इस आदेश की समीक्षा जरूर करें। खंड शिक्षा अधिकारी यह पता करें कि स्कूल में कितने अध्यापकों ने बच्चों को गोद लिया है और कितनों ने नहीं, इसकी रिपोर्ट भी भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

जिलाधिकारी की यह पहल बहुत ही सराहनीय है। हर एक अध्यापक एक बच्चे की जिम्मेदारी लेगा, इससे हम ज्यादा से ज्यादा आउट ऑफ स्कूल बच्चों को शिक्षा से जोड़ पाएंगे।

- योगेंद्र कुमार, बेसिक शिक्षा अधिकारी


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