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बढ़ती जा रहीं सांसद आजम खां की मुश्किलें, जौहर यूनिवर्सिटी में न‍ियुक्‍त हो सकता है प्रशासक

Johar University of MP Azam Khan सांसद आजम खां के ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी को प्रदेश सरकार अपने न‍ियंत्रण में ले सकती है। रामपुर के ज‍िलाधिकारी की ओर शासन को फ‍िर से र‍िपोर्ट भेजी गई है। आजम की इस यूनिवर्सिटी को मौलाना मुहम्मद अली जौहर ट्रस्ट संचालित करता है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 06:05 AM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 06:05 AM (IST)
बढ़ती जा रहीं सांसद आजम खां की मुश्किलें, जौहर यूनिवर्सिटी में न‍ियुक्‍त हो सकता है प्रशासक
आजम खां यूनिवर्सिटी के संस्थापक होने के साथ ही कुलाधिपति भी हैं।

मुरादाबाद, जेएनएन। प्रदेश सरकार अब सांसद आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी को भी अपने नियंत्रण में ले सकती है। इसमें प्रशासक की न‍ियुक्ति की जा सकती है। इसके लिए जिलाधिकारी फ‍िर से शासन को रिपोर्ट भेजने की तैयारी में हैं। दरअसल अदालत ने भी अब यूनिवर्सिटी की 12.50 एकड़ से ज्यादा जमीन सरकार के खाते में दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं।

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बता दें क‍ि जौहर यूनिवर्सिटी अल्पसंख्यक संस्थान है। इसमें करीब 3000 छात्र पढ़ते रहे हैं। प्रदेश सरकार ने यह कानून भी बनाया है कि प्राइवेट यूनिवर्सिटी में अगर वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितता पाई जाती है तो वहां प्रशासक नियुक्त किया जा सकता है। जिलाधिकारी का कहना है कि सरकार को यूनिवर्सिटी को नियंत्रण में लेने का अधिकार है। आजम खां इस यूनिवर्सिटी के संस्थापक होने के साथ ही कुलाधिपति भी हैं। यूनिवर्सिटी को मौलाना मुहम्मद अली जौहर ट्रस्ट संचालित करता है। इसके नाम ही यूनिवर्सिटी की सारी जमीनें हैं।

आजम खान ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं। उनकी पत्नी शहर विधायक डॉ. तजीन फात्मा सचिव हैं। बेटे अदीब आजम और अब्दुल्ला आजम भी ट्रस्ट के सदस्य हैं, जबकि आजम खां की बहन निखत अफलाक कोषाध्यक्ष हैं। यूनिवर्सिटी की जमीनों को लेकर स्थापना के समय से ही विवाद है। साल 2007 में बसपा शासनकाल में यूनिवर्सिटी की दीवारों पर बुलडोजर चलवा कर चकरोड खुलवाए गए थे। साल 2019 में 26 किसानों ने आजम खां के खिलाफ अजीमनगर थाने में जमीनें कब्जाने के मुकदमे दर्ज कराए थे। प्रशासन ने भी कस्टोडियन और कोसी नदी की जमीन कब्जाने के मुकदमे दर्ज कराए। इन मुकदमों में आजम खां नामजद हुए थे। लेकिन, पुलिस ने विवेचना के दौरान सभी सदस्यों के नाम भी शामिल कर लिए, क्योंकि जमीनें ट्रस्ट के नाम हैं। प्रशासन ने आजम खां को भूमाफिया भी घोषित कर दिया। किसानों को उनकी जमीन पर कब्जा दिला दिया। कस्टोडियन की 34 एकड़ और नदी क्षेत्र की 17 एकड़ जमीन को भी कब्जा मुक्त कराया। यूनिवर्सिटी की दीवारें तुड़वाकर चकरोड खुलवा दिए। अनुसूचित जाति के लोगों से बिना परमीशन खरीदी गई जमीन भी प्रशासन ने कब्जे में ले ली। ट्रस्ट द्वारा शर्तों का उल्लंघन करने पर अपर जिलाधिकारी की अदालत ने शनिवार को 172 एकड़ जमीन सरकार के खाते में दर्ज करने के आदेश दे दिए। इस तरह तमाम जमीन यूनिवर्सिटी के हाथ से निकल गई है, सिर्फ 12.50 एकड़ बीघा जमीन बची है। आजम खां करीब पौने 11 माह से जेल में बंद हैं। बेटे अब्दुल्ला भी उनके साथ है, जबकि पत्नी शहर विधायक डा.तजीन फात्मा 10 माह बाद जेल से छूटकर आई हैं।


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