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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रशासकों के कार्यकाल में हुई लाखों रुपये की हेराफेरी की शुरू कराई जांच

Misappropriation of Rupees प्रदेश सरकार ने प्रशासकों के कार्यकाल के दाैरान हुई लाखों की हेराफेरी की शिकायतों को गंभीरता से लेकर जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बना दी है। कमेटी प्रशासक के कार्यकाल में हुए कामों की बारीकी से जांच करके रिपोर्ट शासन को सौंपेगी।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 01:03 PM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 01:03 PM (IST)
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रशासकों के कार्यकाल में हुई लाखों रुपये की हेराफेरी की शुरू कराई जांच
प्रशासकों के कार्यकाल में करोड़ों के भुगतान पर सवाल, दो ब्लाकों की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी गठित।

मुरादाबाद, जेएनएन। Misappropriation of Rupees : प्रदेश सरकार ने प्रशासकों के कार्यकाल के दाैरान हुई लाखों की हेराफेरी की शिकायतों को गंभीरता से लेकर जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बना दी है। यह कमेटी मूंढापांडे और कुंदरकी ब्लाक में प्रशासक के कार्यकाल में हुए कामों की बारीकी से जांच करके रिपोर्ट शासन को सौंपेगी। पूर्व में तैनात रहे जिला पंचायत राज अधिकारी और एडीओ पंचायत के अलावा ग्राम पंचायतों से सचिव जांच के दायरे में रहेंगे। जिन फर्मों को भुगतान हुआ है, उनके बारे में भी पूरी तरह से पड़ताल होगी।

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पंचायती राज अनुभाग-3 के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार ने जांच कमेटी में शाहिद मंजर अब्बास रिजवी, विशेष सचिव, पंचायती राज, अवधेश कुमार खरे, उप सचिव, पंचायती राज, एसएन सिंह, उप निदेशक पंचायती राज, अमित कुमार वर्मा, राज्य समन्वयक पीएफएमएस, पंचायती राज, संतोष कुमार सिंह, राज्य समन्वयक, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) पंचायती राज को रखा है। अपर मुख्य सचिव ने अपने आदेश में कहा है कि यह कमेटी प्रशासकों के कार्यकाल के दौरान धनराशि आहरण के दौरान होने वाले भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच करेगी।

मूंढापांडे और कुंदरकी ब्लाकों में प्रशासकों के कार्यकाल के दौरान कई तरह के घपलों की शिकायतें मिल रही हैं। अपर मुख्य सचिव द्वारा गठित टीम के जांच करने आने की सूचना के बाद प्रशासकों ने अधूरे काम पूरे कराने शुरू कर दिए हैं। लेकिन, तमाम ऐसे घपले पकड़ में आ रहे हैं कि जिनमें प्रशासकों का बचना मुश्किल है। ऐसे कामों का भुगतान कर दिया गया है, जिनकी एमवी भी नहीं हुई है। पंचायत घर और शौचालयों के निर्माण में मजदूरी के नाम पर लाखों का घोटाला हुआ है। काम करने वाले मजदूरों के नाम अन्य है, लेकिन भुगतान अपने चेहेतों के नाम हुआ है। कुंदरकी के काजीपुरा गांव में इस तरह के कई मामले पकड़ में आने पर जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक कुमार प्रियदर्शी ने अपनी रिपोर्ट डीएम को भेज भी दी है। इस मामले में कार्रवाई होना तय मानी जा रही है।


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