अब कभी वापस नहीं आएंगे, पता नहीं था शहर ऐसा होता है.. Moradabad News
सिर्फ दिहाड़ी मजदूर ही नहीं मध्यम वर्गीय परिवार भी कर रहे पलायन। लॉकडाउन के बाद उपजे हालात ने मध्यम वर्ग और निम्न वर्ग की कमर तोड़ दी है।
मुरादाबाद (प्रांजुल श्रीवास्तव)। जिनकी मेहनत के बलबूते शहर की रौनक बढ़ी अब वही बेगाने हो गए। खराब दौर आया तो लोगों ने मुंहमोड़ लिया। जब तक जेब में पैसे थे वो रुके। लेकिन, अब हिम्मत टूट चुकी है और शहर से ऐसा दिल टूटा है कि अब वो वापस भी नहीं जाना चाहते।
शनिवार की सुबह पंजाब से अपनी मोटरसाइकिल से अपनी पत्नी व बच्चे के साथ चले राजपाल रविवार दोपहर दो बजे मुरादाबाद पहुंचे। शरीर टूटने लगा तो पेड़ की छांव में सुस्ताने के लिए बैठ गए। वे बताते हैं कि सिलाई का काम करके वह 15 से 20 हजार रुपये महीना कमा रहे थे। लेकिन, अब मालिक ने मना कर दिया है। कुछ दिन तो वहां रुके लेकिन, काम न होने के कारण जमा पूंजी भी खत्म होने लगी। ऐसे में वो आजमगढ़ में अपने गांव के सफर पर निकल पड़े। जिंदगी के आगे के सफर पर उनकी आवाज कांप उठती है, कहते हैं कि गाढ़ी कमाई से शहर में एक प्लॉट खरीदा था लेकिन, अब अपनी माटी में ही गुजर बसर कर लेंगे। स्थिति सामान्य होने पर एक बार पंजाब जाएंगे जरूर लेकिन, सिर्फ इसलिए कि जमीन का वह टुकड़ा बिक जाए।
पैसे लेकर ट्रेन पर चढ़ाती है पुलिस
राजपाल के साथ उनके चाचा राम मिलन भी हैं। वे भी अपनी बाइक उठाकर आजमगढ़ के लिए निकले हैं। बताते हैं कि पंजाब में उन्होंने ट्रेन से आने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था लेकिन, वहां पुलिस पैसे लेकर ही ट्रेन पर चढ़ा रही थी। ज्यादा पैसे नहीं थे तो मोटरसाइकिल से ही चल दिए हैं। उनका भी दिल शहर से ऐसा टूटा है कि कहते हैं कि वापस नहीं आएंगे, पता नहीं था शहर ऐसा होता है।