मुरादाबाद में सूर्यास्त के बाद पोस्टमार्टम के लिए अभी करना पड़ेगा इंतजार, ये हैं प्रमुख कारण
Postmortem arrangement after sunset उपकरण और स्टाफ से संबंधित प्रस्ताव शासन को भेजने की तैयारी की जा रही हैं। वहीं अभी तक डीएम के आदेश पर रात पर पोस्टमार्टम किए जाते हैं। अभी पुराने नियमों के अनुसार पोस्टमार्टम हाउस में काम किया जाएगा।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Postmortem arrangement after sunset : शासन ने अब सूर्यास्त के बाद पोस्टमार्टम करने की इजाजत प्रदान कर दी है। लेकिन, पोस्टमार्टम हाउस में स्टाफ और उपकरणों की कमी के कारण अभी यह व्यवस्था सुचारू रूप से लागू नहीं हो सकती है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है, कि शासनादेश का अनुपालन करने के लिए उपकरण और स्टाफ से संबंधित प्रस्ताव शासन को भेजने की तैयारी की जा रही हैं। वहीं अभी तक डीएम के आदेश पर रात पर पोस्टमार्टम किए जाते हैं। अभी पुराने नियमों के अनुसार पोस्टमार्टम हाउस में काम किया जाएगा।
बीते मंगलवार को सूबे के अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किया गया था। जिसमें उन्होंने सूर्यास्त के बाद पोस्टमार्टम करने के निर्देेश जारी किए थे। इस फैसले से मृतकों के स्वजन को पोस्टमार्टम के लिए इंतजार नहीं करना पड़ता। मुरादाबाद में शासन का यह आदेश अभी प्रभावी नहीं होगा। मौजूदा समय में मुरादाबाद के पोस्टमार्टम हाउस में रात में पोस्टमार्टम करने की पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। इसके साथ ही डाक्टर, फार्मेसिस्ट के साथ ही काम करने के लिए कर्मचारी नहीं हैं। रात में पोस्टमार्टम करने के लिए पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था होना जरूरी है। लेकिन मौजूदा समय में पीएम हाउस में रात में उपयोग होने वाली हाईमास्क लाइट नहीं हैं। सीएमओ डाॅ. एमसी गर्ग ने बताया कि शासनादेश के अनुसार व्यवस्था लागू करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। जिसमें हमें जिन उपकरणों की आवश्यकता है, उनकी सूची तैयार की जा रही है। इसके साथ ही सबसे जरूरी स्टाफ है। मौजूदा समय में एक डाक्टर, एक फार्मासिस्ट के साथ ही केवल दो कर्मचारी पोस्टमार्टम हाउस में हैं। ऐसे में इतने कम स्टाफ में 24 घंटे काम कर पाना किसी के लिए संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि शासन से जारी आदेश में भी केवल उन्हीं स्थानों में व्यवस्था लागू करने के लिए कहा गया है, जहां पर सभी संसाधन उपलब्ध हैं। स्टाफ और उपकरण मिलने के बाद यहां पर रात में पोस्टमार्टम करने की सुविधा प्रदान की जाएगी।
डीएम के आदेश का होगा अनुपालन : सीएमओ ने कहा कि रात में विपरीत परिस्थिति में रात में पोस्टमार्टम की सुविधा प्रदान की जाती है। बीते दिनों में कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें जिलाधिकारी की अनुमति पर रात में पोस्टमार्टम किए गए हैं। लेकिन यह व्यवस्था हर दिन कम स्टाफ में संभव नहीं है। मुरादाबाद में अभी पुराने शासनादेश के अनुसार ही व्यवस्था लागू रहेगी।
स्टाफ की कमी से डाक्टर और कर्मचारियों को तनाव : पोस्टमार्टम हाउस के प्रभारी डा. कैलाश रावत ने बताया कि मौजूदा समय में प्रतिदिन छह से सात पोस्टमार्टम किए जाते हैं। वहीं, दूसरे जनपदों आए मरीजों की मौत, जब स्थानीय अस्पताल में होती है, तो उनका भी पोस्टमार्टम किया जाता है। ऐसे में स्टाफ और कर्मचारियों की कमी से काम का बोझ अधिक है। कई कर्मचारी काम के बोझ के चलते तनाव में रहते हैं। वहीं यह ऐसा कार्य है, कि जिसमें अवकाश भी ज्यादा नहीं मिलते हैं। स्टाफ की कमी होने से लोगों को ज्यादा परेशानी हो रही है।