कहां कराई 125 लाख की तारबंदी, अब खोज रहे फाइलें Moradabad News
पहले तो सीलिंग की जमीनों को बचाने की आड़ में तारबंदी करा दी ठेकेदार को भुगतान भी हो गया। मामला डीएम तक पहुंचा तो इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं।
मुरादाबाद। भूमाफिया से ग्राम समाज और सीलिंग भूमि को कब्जे से बचाने के लिए जनपद में तारबंदी अभियान चलाया गया था। इसमें लगभग सवा करोड़ रुपये के बजट से चार सौ स्थानों में तारबंदी कराने के दावे प्रशासनिक अफसरों ने किए थे। लेकिन तारबंदी के बाद यह भूमि सुरक्षित बची की नहीं या तारबंदी हुई थी अब इसकी जांच की जाएगी।
2016 से 2017 के बीच हुआ बड़ा खेल
जमीनों की तारबंदी कराने के नाम पर साल 2016 से 2017 के बीच में बड़ा खेल हुआ था। उस दौरान तत्कालीन अफसरों ने बड़े पैमाने पर भूमि संरक्षित करने के दावे किए थे। जबकि हकीकत में जिस हिसाब से अफसरों ने दावे किए गए उतने पैमाने में तारबंदी नहीं हुई थी।
बिना तारबंदी ठेकेदारों को कर दिया जांच
तारबंदी कराने के नाम पर ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के इंजीनियरों ने बड़े पैमाने पर बजट खर्च किया था। इस अभियान में इंजीनियरों ने कुछ स्थानों में तारबंदी की थी लेकिन, बहुत से स्थानों में तारबंदी किए बिना ही भुगतान की राशि ठेकेदारों को सौंप दी गई थी।
एसडीएम मौके पर जाकर करेंगे जांच
जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने अब इस मामले में छह सालों में की गई तारबंदी की जांच करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने जनपद की चार तहसीलों के सभी उपजिलाधिकारियों से अपने-अपने क्षेत्र में की गई तारबंदी की रिपोर्ट मांगी है। जिलाधिकारी ने बताया कि एसडीएम को निर्देश दिए गए हैं कि जिन स्थानों का पूर्व में उल्लेख किया गया है,वहां खुद जाकर फोटो खींचकर लाएंगे। जिन स्थानों में कागजों में तारबंदी का जिक्र किया गया है,जबकि मौके पर तारबंदी नहीं मिली इसकी भी सूची बनाई जाएगी।