छह साल से बंद सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट का फिर घूमा पहिया
छह साल से बंद सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट शुक्रवार को चालू हो गया।
जेएनएन, मुरादाबाद : छह साल से बंद सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट शुक्रवार को चालू हो गया। सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में कूड़ा निस्तारण का ट्रायल महापौर विनोद अग्रवाल ने मशीन का बटन दबाकर किया। इस प्लांट में शहर से प्रतिदिन निकलने वाला करीब 350 टन कूड़ा निस्तारित होगा। इस कूड़े से खाद बनाई जाएगी। सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की चार मशीनों में तीन चालू हो गईं हैं। चौथी का मरम्मत कार्य जारी है। एक महीने के ट्रायल के बाद खाद बनने लगेगी। इस ट्रायल में यह चेक किया जाएगा कि कूड़े से खाद में पोषक तत्व की मात्रा कितनी है। खेती के लिए खाद में जितने पोषक तत्व की मात्रा होती है, उसी मानक पर कूड़े से खाद बनेगी। प्लांट के विड्रो पैड पर कूड़े को सुखाने के बाद मशीनों में निस्तारण होगा। निस्तारण में क्रस्ट होकर जो कूड़ा निकलेगा, उससे खाद बनेगी। यह खाद बेचने के लिए नगर निगम कम्पोस्ट हट(झोपड़ी) में रखकर मार्केटिग करेगा।
इस कूड़े से तीन तरह की छंटनी प्लांट में होगी। खाद योग्य, कंकड़ पत्थर, पॉलीथिन के कूड़े को अलग-अलग किया जाएगा। कंकड़-पत्थर को क्रस्ट(बारीक टुकड़े) करके सीसी टाइल्स बनाई जाएगी। फल, सब्जी, पत्तों के कूड़े से खाद व पॉलीथिन से ऑरडीएफ बनेगा। यह आरडीएफ फैक्टियों की भट्टियों में जलाने के काम आएगा। शुभारंभ से पहले नगर आयुक्त संजय चौहान ने मशीनों की पावर सप्लाई को देखा। पावर सप्लाई में दिक्कत के कारण तय समय से एक घंटा बाद शुभारंभ हुआ। इस मौके पर अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार सिंह, सहायक नगर आयुक्त गंभीर सिंह, दीपशिखा पांडे, मुख्य अभियंता एसके केसरी, अधिशासी अभियंता विजेंद्र पाल समेत सफाई निरीक्षक मौजूद रहे।
पुन: शुरू करने में खर्च हो गए एक करोड़
रामपुर रोड पर सौ एकड़ में फैले ट्रंचिग ग्राउंड में स्थापित सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट छह साल पहले बंद हो गया था। तब एटूजेड कंपनी छोड़कर चली गई थी। पुन: शुरू करने के लिए एक साल पहले हरी-भरी कंपनी से करार हुआ था। जिसके बाद ट्रंचिग ग्राउंड में करीब पुराना कूड़ा 40 लाख टन जमा हो गया और खराब होने से खाद बनाने योग्य नहीं रहा। इस कूड़े को प्लांट के पास से हटाने व मशीनों की मरम्मत में एक करोड़ रुपये खर्च हो गए हैं। एक करोड़ रुपये की लागत से टिन शेड बनेगा। इस शेड में वह कूड़ा आएगा, जो एक बार प्लांट की मशीनों से गुजरकर सूखने को रखा जाएगा।