इस साल बढ़ेगा गेहूं का उत्पादन, सम्मान निधि का मिलेगा लाभ Moradabad News
नए साल में किसानों की समस्याओं के पूरी तरह से समाधान का दावा किया जा रहा है। विभाग कई ऐसी रणनीतियों पर कार्य कर रहा है।
मुरादाबाद, जेएनएन। राज्य और केंद्र सरकार द्वारा किसानों की आय दो गुनी करने की कई योजनाएं चलाई जा रहीं हैं, लेकिन किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, ऋण मोचन योजना का लाभ सभी किसानों को नहीं मिल पा रहा है। किसान मान धन योजना भी धरातल पर नहीं उतर सकी। बेमौसम बारिश से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। सर्वे तक पूरा नहीं हो सका है। ऐसे में किसानों को नुकसान का मुआवजा कब तक मिलेगा? सरकार की योजनाओं को लेकर उप कृषि निदेशक से दैनिक जागरण के संवाददाता मोहन राव ने विस्तार से बातचीत की।
सवाल : किसान हित में कौन-कौन प्रयास हुए हैं, और किसान समस्याओं से क्यों जूझ रहे हैं?
जवाब : किसानों के हित में पीएम किसान सम्मान निधि में किसानों की डाटा फीडिंग में प्रदेश में पहला स्थान मिला था। दो लाख 15 हजार 157 किसानों को प्रथम किस्त मिल चुकी है। अभी जिले में तीस हजार ऐसे किसान हैं, जिनको पीएम सम्मान निधि की एक की किस्त नहीं मिली। गेहूं की उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि हुई। किसानों के बीच खाद, दवा और बीज का वितरण कराया गया। खाद-बीज की समस्या तो कुछ हद तक दूर हुई है।
सवाल : कृषि विभाग के लिए 2020 का संकल्प क्या है?
जवाब : इस बार हमारा संकल्प पीएम सम्मान निधि से वंचित किसानों को लाभ दिलाने के साथ ही फसलों की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने का है, इसके लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है। किसान पाठशाला के माध्यम से खेती के वैज्ञानिक तरीके बताये जा रहे हैं। 2017-18 में गेहूं का उत्पादन 39.01 क्विंटल प्रति हेक्टेयर था। 2018-19 में उत्पादन क्षमता 40.01 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो गई। इस बार उत्पादन क्षमता को 40.95 क्विंटल प्रति हेक्टेयर करने का लक्ष्य है।
सवाल : खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए क्या किया जा रहा है?
जवाब : असंतुलित मात्रा में रासायनिक खादों के प्रयोग से उर्वरा शक्ति कमजोर हुई है। एक लाख तेरह हजार 390 किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किया गया है। इसमें खाद के संतुलित प्रयोग के बारे में जानकारी दी गई है। किसानों को ढैंचा बीज भी दिया जा रहा है, ताकि खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ सके। किसानों को जैविक खेती करने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है।
सवाल : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में कौन-कौन फसल चयनित हैं, नुकसान हुए फसलों का मुआवजा कब तक मिलेगा?
जवाब : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में गेहूं, सरसों और आलू की फसल चयनित है। जिले की सभी ग्राम पंचायतों में गेहूं को शामिल किया गया है। 24 ग्राम पंचायतों में अगर सरसों की फसल बेमौसम बारिश या ओलावृष्टि से खराब होती हैं तो उन किसानों को इस योजना के तहत बीमा का लाभ मिलता है। बाकी पंचायतों में दैवीय आपदा के तहत किसानों को लाभ मिलता है। आलू की फसल सिर्फ एक पंचायत में शामिल है। 2018-19 में 14 लाख 73 हजार 431 रुपए का क्लेम किसानों को मिला। 2019-20 में 22 हजार 626 किसानों का प्रीमियम कटा है लेकिन अभी किसी को लाभ नहीं दिया गया है। 126 किसानों ने बेमौसम बारिश से फसलों के नुकसान की शिकायत दर्ज कराई है। सर्वे पूरा होने के बाद किसानों को बीमा योजना का लाभ मिलेगा।
सवाल : किसान मान-धन योजना धरातल पर नहीं उतर सकी, इसके लिए किसे जिम्मेदार मानते हैं?
जवाब : किसानों के लिए महत्वाकांक्षी योजना है, लेकिन जो लक्ष्य मिला, वह अब तक पूरा नहीं हुआ है। किसानों को जागरूक करने के लिए कृषि कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है। गांव-गांव जाकर कृषि कर्मचारी किसानों को इस योजना के बारे में बताएंगे, ताकि लक्ष्य को पूरा किया जा सके।