लॉकडाउन के चलते चांदी वर्क के औजारों पर लगी जंग,कारोबार से जुड़े लोग परेशान Moradabad News
चांदी का वर्क बनाने के कारोबार से जुड़े गांवों का हाल बेहाल है। जहां पहले हर घरों से कुछ माह पहले तक हथौड़ों और औजारों के टकराने की खट-खट आवाज दिन रात गूंजती थी।
सम्भल,जेएनएन। चांदी का वर्क बनाने के कारोबार से जुड़े गांवों का हाल बेहाल है। जहां पहले हर घरों से कुछ माह पहले तक हथौड़ों और औजारों के टकराने की खट-खट आवाज दिन रात गूंजती थी। वहीं अब चांदी वर्क के औजार पर इस समय लॉकडाउन की जंग लगी है। जबकि मजदूर कारीगर की मजदूरी भी गायब है।
लोग अपने घरों में खाली हाथ बैठ दिल्ली बाजार खुलने का इंतजार कर रहे हैं। ओबरी, शहबाजपुर, मंसूरपुर, मुबारकपुर समेत आदि गांवों में चांदी के वर्क के सौ के करीब लोग जुड़े है। ओबरी व शहबाजपुर गांवों में तो लगभग 60 फीसद आबादी की महिलाएं और पुरूष चांदी का वर्क कूटते है। जो लोगों की कमाई का जरिया यही कारोबार है।
एक कारीगर दिनरात मेहनत से 400 तक कमाता था
गांव निवासी चांदी के कारोबारी शोएब बताते हैं कि दिल्ली से 170 रुपये किलो की पन्नी लायी जाती है।ष् उसी का औजार होता है। उसका यहां घरों में कूटकर कर वर्क बनाया जाता है। चांदी के वर्क को तैयार कर दिल्ली, मुंबई तक सप्लाई किया जाता है। जो इस समय लॉकडाउन के चलते पूर्णत बंद पड़ा है। अब दिल्ली, मुंबई में बाजार खुलने तक यह कारोबार भी बंद रहेगा। इस समय चांदी कूटने वाले औजारों को लॉकडाउन की जंग लगी है। मजदूर कारीगर अपने घरों खाली हाथ बैठा है।