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फायदे की जगह स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहा सुबह-शाम टहलना, जानिए क्या है वजह Moradabad news

दिल्ली एनसीआर में हेल्थ इमरजेंसी के बाद भी प्रशासन की नींद नहीं टूटी है यहीं वजह है कि शहर की आबोहवा लगातार खराब दर्ज हो रही है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Sun, 03 Nov 2019 01:51 PM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 01:51 PM (IST)
फायदे की जगह स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहा सुबह-शाम टहलना, जानिए क्या है वजह Moradabad news
फायदे की जगह स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहा सुबह-शाम टहलना, जानिए क्या है वजह Moradabad news

मुरादाबाद, जेएनएन। दिल्ली ही नहीं पूरे देश की आबोहवा दीपावली के बाद और खराब हो गई है। जनपद में सुबह-शाम टहलना लोगों को फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसा हम नहीं कह रहे, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़े कह रहे हैं।

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सीपीसीबी के आंकड़ों पर गौर करें तो सुबह और शाम हवा में प्रदूषण का स्तर ज्यादा दर्ज किया जा रहा है। यहीं वजह की दोपहर एक बजे से शाम साढ़े चार बजे तक शहर यलो जोन में रहा, एक्यूआइ दो सौ के अंदर दर्ज किया गया, वहीं शाम होते ही एक्यूआइ खराब के स्तर को छूते हुए दो सौ के पार हो गया। रात साढ़े आठ बजे एक्यूआइ ढाई सौ के करीब पहुंच गया। ऐसे में सुबह और शाम यदि आप टहलने निकल रहे हैं तो ऐसी स्थिति रहने तक सचेत रहने की जरूरत है।

बिजली विभाग को 24 घंटे बिजली आपूर्ति के निर्देश

बिजली कटौती में जेनरेटर का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर होता है, जेनरेटर से निकलने वाले धुएं से वातावरण प्रदूषित होता है। लिहाजा, मुख्यमंत्री ने बिजली अधिकारियों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति के निर्देश दिए हैं।

धड़ल्ले से चल रहे धुआं उगलने वाले वाहन

वाहनों के प्रदूषण की जांच महज कागजों तक सीमित रह गई है। यही वजह कि सड़क पर बड़े पैमाने पर धुआं उगलते वाहन चलते हुए आसानी से देखे जा सकते हैं। ई-कचरा, पराली जलाने जैसे मामलों पर भी रोक नहीं लग पा रही है।

ई-कचरे पर नहीं लग रही रोक 

प्रशासन लाख दावा करे पर ई-कचरा जलाए जाने पर रोक नहीं लग पा रही है। महानगर की तंग गलियों में अभी भी चोरी छिपे ई-कचरा जलाया जा रहा है। इसका उदाहरण समय-समय पर पकड़े जाने वाले ई-कचरा के वाहन और गोदाम हैं। इससे साफ है कि ई-कचरा मुरादाबाद में आ रहा है और उसे जलाया जा रहा है। चंद रुपये के लालच में लोग लाखों लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। 

एनजीटी के आदेश बावजूद चल रही भट्ठियां 

पीतलनगरी में हजारों की संख्या में धातुओं को गलाकर उनसे एक्सपोर्ट आइटम बनाने की भट््िठयां चल रही हैं। एनजीटी ने भी कोयले वाली भट्ठियों को बंद कराकर उनके स्थान पर आधुनिक और गैस से चलने वाली भट्ठियां चलाने के आदेश दिए हैं लेकिन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अभी तक इनको शिफ्ट नहीं करा पाया है। 

देश के टॉप टेन प्रदूषित शहरों पर नजर : 

शहर               एक्यूआइ

हिसार                499

फतेहगढ़             499

जींद                  477

गाजियाबाद           455

हापुड़                 437

बुलंदशहर             435

नोएडा                 432

पटना                  426

बागपत                426

लखनऊ               420

नोट ::: हवा का गुणवत्ता सूचकांक सीपीसीबी के शाम सात बजकर 35 मिनट के बुलेटिन के अनुसार। 


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