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मुरादाबाद से उठी थी राम जन्मभूमि मुक्ति की आवाज, जानिए क्‍या है मामला

कोरोना पॉजिटिव मिलने के चलते कई मंदिर नहीं खुले हैं। खासतौर से बुद्ध बाजार क्षेत्र के मंदिर नहीं खुले हैं लेकिन इन मंदिरों की प्रबंध समितियां पांच अगस्त को फैसला लेंगी।

By Narendra KumarEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 08:45 AM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 08:45 AM (IST)
मुरादाबाद से उठी थी राम जन्मभूमि मुक्ति की आवाज, जानिए क्‍या है मामला
मुरादाबाद से उठी थी राम जन्मभूमि मुक्ति की आवाज, जानिए क्‍या है मामला

मुरादाबाद, जेएनएन। राम मंदिर निर्माण को लेकर देश भर में चले भारत भर को एकसूत्र में पिरो दिया था। देश के हर कोने से निकले लोग अयोध्या पहुंचे। वहां कारसेवा की, लाठी खाईं, गोली खाईं पर अपने आराध्य का मंदिर बनाने के लिए सब कुछ सहन किया। हजारों लोग ऐसे थे, जो कारसेवा के लिए अयोध्या नहीं पहुंच पाए, उन्हें रास्ते से पकड़कर जेल में बंद कर दिया गया। राम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन की नींव मुरादाबाद की जमीन से पड़ी थी। मुरादाबाद में 1982 में टाउन हाल के नजदीक बजरंग बली मंदिर में हिंदू सम्मेलन हुआ था। इस सम्मेलन की अध्यक्षता लाल श्वेतांबर जैन और मार्गदर्शक के रूप दाऊदयाल खन्ना थे। हिंदू सम्मेलन की शुरुआत दिनेश चंद्र त्यागी ने की। वह हिंदू महासभा के दस वर्षों तक राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। सभा में कांग्रेस नेता और कांठ विधायक और कैबिनेट मंत्री दाऊ दयाल खन्ना ने राम जन्म भूमि मुक्ति की आवाज उठाई थी। इसके बाद सहारनपुर में हुए कांग्रेस के सम्मेलन में भी मुद्दे को उठाया। अन्य वक्ताओं ने उनकी आवाज को और बुलंद किया। यहीं से प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को पत्र लिखकर अयोध्या मे मंदिर बनाए जाने की मांग जोर पकडऩे लगी। इसके बाद देशभर में हिंदू सम्मेलन हुए। अप्रैल 1984 को दिल्ली की धर्म संसद में राम जन्मभूमि के द्वार का ताला खुलवाने को जनजागरण यात्राएं शुरू करने का प्रस्ताव पारित किया गया।

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मेरी गिरफ्तारी के बाद भाई को छोड़ा गया

मंदिर आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हिंदू महासभा के पूर्व कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष सतीश मदान पुराने दिनों का याद करते हुए उत्साहित हो जाते हैं। उनकी आवाज बुलंद होने लगती है। वह रामजन्म भूमि मुक्ति आंदोलन की शुरुआत करने में दिनेश चंद्र त्यागी के प्रारंभ के साथ थे। उन्होंने बताया कि हम सभी ने दिन रात जनसंपर्क कर इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए कार्य किया। प्रदेश भर के हर जिले में और गांवों में पहुंचे। 1992 में जब अयोध्या में कारसेवा हो चल रही थी तब मैं ङ्क्षहदू महासभा का कार्यकारी अध्यक्ष था। मुझे अयोध्या में प्रवेश नहीं करने दिया गया। वहां मेरी गिरफ्तारी की पूरी तैयारी थी तो मुझे लौटना पड़ा। वापसी में बदायूं में जनसभा को संबोधित किया था। पुलिस के पहुंचने पर गुपचुप तरीके से निकल आया।

मुरादाबाद पहुंचने पर पता चला कि बड़े भाई को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसी रात एक बजे डीआइसी से बात हुई। उन्होंने कहा कि आप सरेंडर कर दो आपके भाई को छोड़ देंगे। तब मैंने मूंढापांडे थाने में गिरफ्तारी दी, तब बड़े भाई को छोड़ा गया। इसके बाद मुझे रामपुर जेल भेज दिया। जेल में बंदी के दौरान मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का संदेश मिला था कि आप चाहें जमानत ले सकते हैं। लेकिन हम सभी ने मना कर दिया कि जिस प्रकार से पूरे लाव लश्कर के साथ गिरफ्तारी के बाद जेल लाया गया था वैसे ही घर पहुंचाया जाए तभी जमानत लेेंगे। 55 दिन जेल में रहने के बाद छोड़ा गया और पुलिस वाहन से घर पहुंचाया गया।

अब मिला सुकून

सतीश मदान बताते हैं कि रामजन्मभूमि मुक्ति आंदोलन के बाद निर्माण के लिए दिन रात संघर्ष किया था। अपना कारोबार भी दांव पर लगा दिया था। अब जब पांच अगस्त को मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन हो रहा है तो दिल सुकून मिला है। मेहनत सफल हो गई। कोरोना के चलते अयोध्या नहीं जा पाने का मलाल है पर संतुष्टि है कि जल्द मंदिर निर्माण हो तो वहां जाकर रामलला के दर्शन करेंगे। लगता है जैसे जीवन सफल हो गया।

राममंदिर भूमि पूजन पर मंदिरों में घंटे-घडिय़ाल के साथ होंगे दीपयज्ञ

अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण का शुभारंभ पांच अगस्त से होने जा रहा है। इस दिन मंदिरों में दीपमालाएं सजेंगी, घंटे, घडिय़ाल व शंखनाद होगा तो कई मंदिरों में रामचरित मानस या सुंदरकांड कराने की भी तैयारी है। दीपावली जैसा नजारा होगा। भगवान श्री राम के 14 वर्ष बाद अयोध्या लौटने पर जिस पर नगर में खुशियां छाईं थीं और अयोध्यावासियों ने दीपक जलाए थे, उसी तरह राममंदिर निर्माण के शुभारंभ पर मंदिर को सजाने को पुजारी ही नहीं श्री राम के भक्त भी उत्साहित हैं। 84 घंटा मंदिर पर 11 दीपों से श्री राम मंदिर निर्माण का स्वागत होगा। लालबाग स्थित प्राचीन काली मंदिर में स्थापित राम दरबार में घंटे, घडिय़ाल व शंखनाद के साथ पूजा होगी और मंदिर को भव्य रूप से सजाया जाएगा। मनोकामना मंदिर रेलवे कालोनी में श्री राम दरबार मंदिर में पूजा होगी, मंदिर को भव्य रूप से सजाया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने वर्षों से लंबित श्री राम मंदिर पर एतिहासिक फैसला सुनाया था तो मंदिर निर्माण के शुभांरभ भी भव्य तरीके से होना चाहिए।

पांच अगस्त घंटे घडिय़ाल व शंखनाद से राम मंदिर निर्माण के शुभांरभ पर पूजा अर्चना की जाएगी। दीपामाला सजाई जाएगी। कोविड-19 के नियमों का भी पालन किया जाएगा।

महंत रामगिरी, प्राचीन नौ देवियों का काली मंदिर, लालबाग

प्रबंध समिति की बैठक में निर्णय होगा कि पांच अगस्त को किस तरह से आयोजन होगा लेकिन दीप यज्ञ व रामचरित मानस या सुंदरकांड का पाठ किया जाएगा।

गिरिजा भूषण मिश्र, गीता ज्ञान मंदिर, कोठीवाल नगर

श्री राम का भव्य मंदिर निर्माण का इंतजार सालों से था। अब वह घड़ी करीब है, जब मंदिर निर्माण होने जा रही है। दीपयज्ञ व मंदिर को सजाया जाएगा।

पंडित रामकुमार उपाध्याय, ऋण मुक्तेश्वर मंदिर, खुशहालपुर राड

चौरासी घंटा मंदिर को दीपों से सजाया जाएगा। श्री राम की आरती के साथ ही शंखनाद भी कराया जाएगा। लंबे अर्से बाद वह दिन करीब है जिसका सभी को इंतजार था।

पंडित विष्णु दत्त शर्मा, 84 घंटा मंदिर, किसरौल

मंदिर को भव्य तरीके सजाएंगे। प्रबंध समिति इसमें निर्णय लेगी कि कोविड-19 का पालन करते हुए किस तरह राम मंदिर निर्माण पर कार्यक्रम आयोजित हो।

पंडित हरिदत्त शास्त्री, मनोकामना मंदिर, रेलवे कालोनी


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