Virtual Delhi Fair : देश के खरीदार भी दिखा रहे रुचि, कारोबारियों में जगी उम्मीद
Virtual Delhi Fair फेयर नहीं लग पाने से हुए घाटे को वर्चुअल फेयर के माध्यम से कवर किया जा सकता है। कोरोबारियों में काफी उम्मीदें जगी हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। वर्चुअल फेयर में हर दिन स्थिति बेहतर होती जा रही है। एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट्स के आंकड़ों के अनुसार तीसरे दिन पांच हजार से अधिक बायर्स और बाइंग एजेंसियों ने फेयर को आनलाइन विजिट किया। हर स्टॉल पर पहुंचने वाले बायर्स का आंकड़ा 35 तकपहुंच गया।
हर साल नोएडा में लगने वाले दिल्ली फेयर में इतनी संख्या नहीं पहुंचती थी। इससे फेयर निर्धारित समय से थोड़ा अधिक समय तक चला। खास यह है कि इसमें भारत के खरीदार भी रुचि दिखा रहे हैं। माना जा रहा है कि कोरोना संकट में भी कारोबार बेहतर रहेगा।
फरवरी में होता है आयोजन
नोएडा एक्सपो मार्ट में हर साल फरवरी में स्प्रिंग दिल्ली फेयर का आयोजन किया जाता है। इस बार निर्यातकों की मांग पर उसे अप्रैल में लगाया जाना था। लेकिन, मार्च में लॉकडाउन घोषित हो गया। विकल्प के तौर पर वचरुअल फेयर के आयोजन को लेकर तरह-तरह की आशंकाएं भी थीं। फिर भी निर्यातकों ने ईपीसीएच पर भरोसा किया। पहला दिन तकनीकी खराबी से अधिक उत्साहजनक नहीं रहा। कई निर्यातक फेयर से बाहर चले गए। दूसरे दिन हालात बेहतर हुए। फेयर में जो 1500 स्टॉल लगाए गए हैं, उनमें से हर स्टाल पर 20 बायर्स या बाइंग एजेंसी के प्रतिनिधि पहुंचे। फेयर कमेटी के चेयरमैन नीरज खन्ना ने बताया कि बुधवार को औसतन हर स्टाल पर 35 बायर्स के पहुंचने का आंकड़ा दर्ज किया गया है। माना जा रहा है कि फेयर अच्छा कारोबार देकर जाएगा।
डिजाइन चोरी की सिर्फ चार शिकायतें हुईं दर्ज
दूसरे दिन डिजाइन चोरी और कॉपी राइट उल्लंघन को लेकर 31 शिकायतें आई थीं। इसके बाद ईपीसीएच की लीगल सेल ने कार्रवाई करते हुए नोटिस जारी किए तो ऐसा करने वाले भी सम्भले। तीसरे दिन मात्र चार शिकायतें दर्ज कराई जा रही हैं। फेयर कमेटी के चेयरमैन नीरज खन्ना ने बताया कि वचरुअल फेयर पहली बार आयोजित किया जा रहा है। बहुत सारी चीजें नई सामने आ रही हैं, उसके अनुसार सुधार कर रहे हैं, ताकि आगे गलतियां न हों। सभी की डिजाइन सुरक्षित रखने के लिए तकनीकी सहयोग पर जोर दे रहे हैं।