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डिजिटल दुनिया के ख्वाब को साकार कर रहा गांव का कलाम Mordabad news

कहते हैं आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती है। जब आवश्यकता बढ़ जाती है और संसाधन न हों तो ऐसे में जुनून कुछ न कुछ करा ही देता है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 09:40 AM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 02:15 PM (IST)
डिजिटल दुनिया के ख्वाब को साकार कर रहा गांव का कलाम Mordabad news
डिजिटल दुनिया के ख्वाब को साकार कर रहा गांव का कलाम Mordabad news

मुरादाबाद (प्रांजुल श्रीवास्तव)।  कहते हैं आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती है। जब आवश्यकता बढ़ जाती है और संसाधन न हों तो ऐसे में जुनून कुछ न कुछ करा ही देता है। ऐसी ही मुरादाबाद के पूर्व माध्यमिक विद्यालय के कक्षा आठ में पढऩे वाले छात्र आयुष की कहानी है। उन्होंने संसाधनों का रोना रोये बिना अपने स्कूल की डिजिटल क्लास के लिए स्मार्ट फोन प्रोजेक्टर बना दिया। ये नन्हा कलाम अब गांव भर में धूम मचा रहा है। 

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सरकारी स्कूलों में सुधार के नाम पर डिजिटल क्लास तो बहुत बनीं लेकिन, बिजली के अभाव में ज्यादातर कक्षाएं शो पीस बन कर रह गईं। प्रोजेक्टर तो स्कूलों में हैं लेकिन, बिजली न आने के कारण वहां के बच्चे डिजिटल दुनिया से अपरिचित हैं। अपने स्कूल की इसी आवश्यकता ने कक्षा आठ के आयुष में छुपे हुए कलाम को जगा दिया। एक लेंस, दफ्ती और ब्लैक चार्ट की मदद से उसने स्मार्ट फोन को प्रोजेक्टर बना दिया। इसमें न तो बिजली का झंझट है और न ही किसी बैटरी की जरूरत। बस प्रोजेक्टर पर मोबाइल फोन रखो और 32 इंच की स्क्रीन आपके सामने होगी।  

ऐसे काम करेगा आयुष का प्रोजेक्टर

आयुष का प्रोजेक्टर एक शीशे, उत्तल (कॉन्वेक्स) लेंस, ब्लैक चार्ट और दफ्ती की मदद से बना है। इसमें लगा शीशा फोन पर चल रही फिल्म को उत्तल लेंस पर भेजता है। वहीं ब्लैक चार्ट किसी भी रिफ्लेकशन को रोकता है। इसकी मदद से सामने एक सफेद चार्ट लगाकर स्मार्ट फोन की फिल्म को बड़ा करके देखा जा सकता है। न तो इस प्रोजेक्टर में किसी स्क्रीन की जरूरत है, न ही बैटरी या बिजली की।  

राज्यस्तरीय प्रतियोगिता के लिए हुआ चयनित 

स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के बीच कलाम के नाम से प्रसिद्ध आयुष ने अपने इस प्रोजेक्टर को मंडल स्तरीय प्रतियोगिता में रखा, जिसे काफी सराहना के बाद प्रथम पुरस्कार मिला। अब आयुष मुरादाबाद की तरफ से राज्य स्तर पर बेसिक स्कूलों का प्रतिनिधित्व करेगा। आयुष के अध्यापक सचिन बताते हैं कि उसके इस प्रोजेक्टर को तैयार करने में महज 250 से 300 रुपये खर्च आएगा। 


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