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भाजपा की जिला कार्यकारिणी में वैश्य को नहीं मिला स्थान, जानिए क्या है वजह Moradabad News

तबादले के बयार में खुद को बचाने की जद्दोजहद जो है। इसलिए तो उनकी जी हुजूरी से लेकर सम्मान में कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 09:05 AM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 09:06 AM (IST)
भाजपा की जिला कार्यकारिणी में वैश्य को नहीं मिला स्थान, जानिए क्या है वजह  Moradabad News
भाजपा की जिला कार्यकारिणी में वैश्य को नहीं मिला स्थान, जानिए क्या है वजह Moradabad News

मुरादाबाद (प्रेमपाल सिंह)। जिला भाजपा का वणिक वर्ग से लगता है, मोह भंग हो गया है, तभी तो जिला कार्यकारिणी में किसी को स्थान नहीं दिया। वैसे यह वर्ग भाजपा का हमेशा से ही माना जाता है। संभव है इसलिए किनारा कर लिया गया हो। इसके पीछे की कहानी जो भी इतना जरूर है कि वैश्य वर्ग से जुड़े अपने आप को मक्खी मान रहे है, जिसको दूध से अलग फेंक दिया है। अकेला वैश्य वर्ग ही जिला उपाध्यक्ष की लाइन में लगे तीनों वरिष्ठ एवं पुराने कार्यकर्ताओं को भी लिस्ट से आउट कर दिया है। उपाध्यक्ष की लाइन में लगे एक सज्जन ने अपनी सेटिंग से खुद की जगह बना ली और संगठन की बूथ तक की गतिविधि की जानकारी का भरोसा जता दिया। इसलिए तो महामंत्री की जगह पा गए। यहां यह भी गौर करना जरूर है कि उन्हीं महामंत्री ने वर्तमान जिलाध्यक्ष के एक आयोजन पर सवाल तक उठाया था।

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अविश्वास प्रस्ताव की ठेकेदारी 

भाजपा में एक नेताजी ने ब्लाक अध्यक्ष पद के लिए अविश्वास प्रस्ताव की ठेकेदारी ले रखी है। उनका ऑडियो खूब वायरल हो रहा है, जिसमें एक ब्लाक प्रमुख के देवर को धमकाते सुनाई दे रहे हैं। बातचीत के ऑडियो में ठेकेदारी लेने वाले नेताजी ने पार्टी के दिग्गज एवं प्रदेश सरकार में मंत्री तक के लिए अपशब्द कहे हैं। यह ऑडियो तेजी से घूम रहे हैं। इसमें नेताजी साफ चेतावनी दे रहे हैं कि पहले एक का नंबर है, इसके बाद दूसरे ब्लाक का नंबर आए। चर्चा है कि जिस ब्लाक प्रमुख का नंबर आने की बात हो रही है। उसका एक साल का ठेका था, दूसरे साल की ठेकेदारी का शुल्क नहीं दिया है। कारण जितने में ठेका था, उतना लाभ नहीं हो पाया। इसलिए तो हाथ जोड़ दिए। ब्लाक प्रमुख ने पार्टी के नेताओं की गणेश परिक्रमा कराना शुरू कर दी है, ताकि आगे के लिए कुर्सी बच जाए। 

पांचवीं बार बन गए उपाध्यक्ष

नगर कार्यकारिणी में पांचवीं बार  उपाध्यक्ष बनकर इतिहास रच गया। नगर की बैठकों में आना-जाना इन उपाध्यक्ष का कम ही दिखाई देता है। इतना जरूर है कि रोला और जलवा पूरा बना रहता है। कहीं कोई कमीं नहीं दिखती है। गाड़ी तक पर जिला उपाध्यक्ष स्थायी लिख गया है। इतना ही नहीं विधायक भी लिखा दिया गया है। ताकि जलवे में कोई कमी नहीं रह जाए। पार्टी के लिए समर्पण तो खुद ही बता देते है। संगठन के लिए तो हर मदद के लिए हमेशा ही तैयार रहते हैं। पार्टी का बड़ा कार्यक्रम हो, वीआइपी का आगमन हो या फिर केंद्रीय नेतृत्व के साथ मंच पर फोटो सेशन में जगह जरूर मिल जाती है। पकड़ और निष्ठा तो ठीक लेकिन, जिन कार्यकर्ताओं को पार्टी में पद मिलने की उम्मीद थी, उनको कष्ट जरूर है। हालांकि उनकी ताजपोशी के पीछे पार्टी का कोई भी जिम्मेदार मुंह खोलने को तैयार नहीं हैं।

सामंजस्य की पकड़ ली राह

सूबे की सरकार के रवैये और ताबड़तोड़ तबादले को देखकर कुर्सी को पकड़कर बैठे अफसरों ने सामंजस्य की राह पकड़ ली है। वर्दी वाले भी पीछे नहीं है। अपनी ही चला रहे वर्दी वाले साहब ने खुद अपनी आदेशों और निर्देशों के अनुपालन में लचीला पन अपना लिया है। पार्टी के नेताओं और रणनीतिकारों के आसपास घूमना और उनके निर्देशों पर अमल तेजी से करना शुरू कर दिया है। कई मामलों में नियमों की परिभाषा बदली है। ऐसा ही प्रशासनिक अफसरों में देखने को मिल रहा है। जनप्रतिनिधि से लेकर दिग्गजों का एक फोन पर संबंधित कार्यों का पूरा संज्ञान लिया जा रहा है। उनका एक फोन आया और काम पूरा समझो। इस स्थिति को देखकर फोन करने वाले खुद चकित हैं। 


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