कोरोना की प्रीकाशन डोज अब तीन महीने में नहीं इतने दिन में लगाई जाएगी, शासन का आया नया आदेश
Corona Precaution dose कोरोना का सतर्कता खुराक अब 90 दिन के बजाय 30 दिन में लगाने की सरकार ने आदेश जारी किया है। सरकार ने कोरोना से बचाने के लिए जनवरी 2021 से कोरोना का टीकाकरण शुरू किया गया था।
मुरादाबाद, जेएनएन। Corona Precaution dose : कोरोना का सतर्कता खुराक अब 90 दिन के बजाय 30 दिन में लगाने की सरकार ने आदेश जारी किया है। बुजुर्गों को कोरोना संक्रमण से बचाने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार ने कोरोना से बचाने के लिए जनवरी 2021 से कोरोना का टीकाकरण शुरू किया गया था। पहले कोवैक्सीन के टीके लगाए गए थे। उस समय कोरोना सेवक, 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग व बीमार 45 वर्ष अधिक उम्र के लोगों को लगाया जा रहे थे।
उसके बाद कोविशील्ड के टीके लगाए जाना शुरू किया गया। दिसंबर 2021 के अंतिम से कोरोना संक्रमण फैलना शुरू हुआ तो सरकार टीकाकरण बढ़ाने का प्रयास किया। इसके साथ ही कोरोना सेवक व 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को सतर्कता खुराक लगाने की व्यवस्था किया। कोरोना सेवक व 60 वर्ष उम्र के लोगों को टीके दूसरे खुराक के 90 दिन के बाद सतर्कता खुराक लगाया जाता है।
इसमें स्वास्थ्य सेवा से जुड़े चिकित्सक, कर्मचारी, पुलिस व कोरोना काल में स्वयं सेवक की तरह काम करने वालों को लगाया जा रहा है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एमसी गर्ग ने बताया कि सतर्कता खुराक लगाने के नियम में परिवर्तन किया गया है। 90 दिन के बजाय 30 दिन के अंदर सतर्कता खुराक लगाया जा सकता है। रविवार से यह नियम लागू हो जाएगा।
मदरसा जामिल हुदा में टीकाकरण शिविर का डीएम ने किया निरीक्षण : कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए टीकाकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। शनिवार को गलशहीद स्थित मदरसा जामिलहुदा में वैक्सीनेशन शिविर लगाया गया। जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह मदरसा पहुंचे। यहां उन्होंने तालिबे इल्मों को जागरूक किया। डीएम ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि जिन छात्रों का टीकाकरण नहीं हुआ है।
वह जरूर टीका लगवा लें। उन्होंने कहा कि अपनी तालीम जारी रखते हुए कोविड वैक्सीनेशन बहुत जरूरी है। इस दौरान नायब शहर इमाम मुफ्ती सैयद फहद अली, चिकित्सक समेत अन्य तमाम सदस्य रहे। वहीं रहमतनगर स्थित कुष्ठ आश्रम का निरीक्षण भी किया। जिलाधिकारी ने व्यवस्थाओं का जायजा लिया। गंदगी पर नाराजगी जताई। इसके बाद उन्होंने कुष्ठ रोगियों को कंबल वितरित करने के साथ ही फल भी दिए।