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विकास कार्यों में पक्षपात पर मुरादाबाद नगर निगम बोर्ड बैठक में हंगामा

कोरोना के कारण दस माह बाद हुई नगर निगम बोर्ड की बैठक में शारीरिक दूरी हंगामे के सामने तार-तार हो गई। बुधवार को पंचायत भवन में हुई बोर्ड बैठक में कोविड-19 नियमों के तहत सिटिग प्लान के बावजूद पक्ष और विपक्ष के पार्षद अपनी कुर्सी छोड़कर आगे आ गए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 01:50 AM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 01:50 AM (IST)
विकास कार्यों में पक्षपात पर मुरादाबाद नगर निगम बोर्ड बैठक में हंगामा
विकास कार्यों में पक्षपात पर मुरादाबाद नगर निगम बोर्ड बैठक में हंगामा

मुरादाबाद : कोरोना के कारण दस माह बाद हुई नगर निगम बोर्ड की बैठक में शारीरिक दूरी हंगामे के सामने तार-तार हो गई। बुधवार को पंचायत भवन में हुई बोर्ड बैठक में कोविड-19 नियमों के तहत सिटिग प्लान के बावजूद पक्ष और विपक्ष के पार्षद अपनी कुर्सी छोड़कर आगे आ गए। सफाई, सीवर के चैम्बर निर्माण में बर्बाद सड़कें और टेंडर में पक्षपात को लेकर जमकर हंगामा हुआ। सफाई कर्मचारियों को अपनी मर्जी से हटाने और उनकी जगह दूसरे कर्मचारी न रखने, डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन से हटाई गई हिन्दुस्तान कंपनी द्वारा ईपीएफ का 20 करोड़ रुपये जमा न करने का मुद्दा गूंजा।

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पार्षद विद्यासरण शर्मा व पंकज यादव के निशाने पर रहे सहायक नगर आयुक्त गंभीर सिंह ने हिन्दुस्तान सिक्योरिटी कंपनी पर एफआइआर कराने, कंपनी के भुगतान से 34 लाख की कटौती करने व उसे काम से हटाने की बात स्पष्ट की। लेकिन, इस कार्रवाई से पार्षद संतुष्ट नहीं हुए। फिर निशाने पर लेते हुए बोले कि ईपीएफ का कितना पैसा और किस तारीख में सफाई कर्मचारियों के खाते में कंपनी ने जमा कराया और एफआइआर कब कराई गई। इनकी तिथियां सहायक नगर आयुक्त नहीं बता पाए। इसका संतुष्ट जवाब नहीं देने पर महापौर विनोद अग्रवाल ने भी नाराजगी जताते हुए कहा कि पार्षदों की सबसे ज्यादा शिकायतें वार्डों में कम सफाई कर्मियों की तैनाती व हिन्दुस्तान सिक्योरिटी कंपनी को लेकर हैं, इसे गंभीरता से लीजिए। हंगामा यहीं नहीं थमा, 155 विकास कार्यों में पक्षपात का आरोप पार्षद इकबाल ने लगाया। भाजपा पार्षद दल के नेता संजय सक्सेना, प्रेम कुमार, डिपल अश्क, कुलदीप नारायण सिंह समेत अन्य पार्षदों ने अफसरों व महापौर पर पक्षपात लगाने को लेकर सीट से खड़े होकर विरोध करने लगे। इस पर भाजपा के सभी पार्षदों ने इकबाल के इस आरोप को निराधार बताया। जिससे सपा, कांग्रस और बसपा के पार्षद भी पार्षद इकबाल के समर्थन में हंगामा करने लगे। महापौर विनोद अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि पार्षदों से खुद ही उनके वार्डों में कामों के प्रस्ताव मांगे थे। कोविड-19 में कम धनराशि मिलने के कारण सभी 70 वार्डों में प्राथमिकता के आधार पर कामों का चयन करके टेंडर हुए हैं। नगर आयुक्त संजय चौहान ने स्पष्ट किया कि कोविड-10 के खाते में निगम की निधियों से काफी पैसा जमा हुआ है। यह टेंडर कोई आखिरी टेंडर नहीं है। शेष काम आगे के टेंडरों में लेंगे। इसके बाद पार्षद शांत हुए। इसके अलावा विपक्ष से पहले सत्ता पक्ष से बैठक की शुरुआत कराने पर भी पार्षदों ने हंगामा किया। बैठक में अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार सिंह, जीएम जलकल प्रमोद कुमार गुप्ता, सहायक नगर आयुक्त द्वितीय दीपशिखा पांडे, लेखाकार टीएन मिश्र, मुख्य अभियंता एसके केसरी, अधिशासी अभियंता विजेंद्र पाल समेत अन्य अधिकारी, पार्षद व कर्मचारी मौजद रहे। सीवर खोदाई से बर्बाद सड़कों के लिए बनेगी मानटनिग कमेटी

सीवर लाइन खोदाई व चैम्बर बनाने से सड़कों की बर्बादी का मुद्दा वार्ड 23 की पार्षद रुचि चौधरी व वार्ड 19 के पार्षद सरदार डिपल सिंह ने उठाया तो इसका समर्थन पक्ष व विपक्ष के पार्षदों ने किया। इस महापौर विनोद अग्रवाल ने स्ट्रीट मानिटरिग कमेटी का गठन करने के निर्देश। संजय चौहान ने कहा कि नगर निगम की ओर से सड़कों की बर्बादी को लेकर जल निगम निदेशालय को पत्र लिखा गया है। इसमें 17 करोड़ 50 लाख रुपये का भुगतान जल निगम के खाते से कटौती करके नगर निगम निगम को देने के लिए कहा गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि नगर निगम, जल निगम और पार्षद की तीन सदस्यीय कमेटी जांच करेगी कि कितनी सड़कें वर्तमान में किस एजेंसी के माध्यम से खोदी गई हैं। इसकी जांच रिपोर्ट के आधार पर एक्शन लेंगे। बच्चा पार्क के शुल्क निर्धारण का विरोध

कंपनी बाग में एक करोड़ रुपये की लागत से बने एतिहासिक बच्चा पार्क में प्रवेश पर दस रुपये का प्रस्ताव क्षेत्रीय पार्षद डिपल सिंह अश्क ने रखा। इसको भाजपाइयों ने पार्क के रखरखाव को उचित बताया। लेकिन, विपक्ष के पार्षदों ने विरोध किया। महापौर विरोध अग्रवाल ने कहा कि नया मुरादाबाद में एमडीए ने हर्बल पार्क में प्रवेश पर 50 रुपये शुल्क तय कर रखा है। इसी मद से रखरखाव होता है। बाद में संशोधन हुआ कि बच्चों पर नहीं उनके माता-पिता से ही प्रवेश शुल्क लिया जाए। विपक्ष इस पर सहमत नहीं हुआ। इस पर महापौर ने इस मामले को विचारधीन रखते हुए सदन की कार्यवाही को आगे बढ़ाया। यह प्रस्ताव हुए पास

-जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र में 21 दिन की अवधि में जांच न कराने।

-मृत्यु के 21 दिन बाद आवेदन पर ही उच्च अफसरों से जांच कराने।

-कार धुलाई सेंटरों पर उपनीति बनाने।

-खोदाई से बर्बाद सड़कों की जांच को स्ट्रीट मानिटरिग कमेटी बनाने।

-सभी वार्डों में 20-20 सफाई कर्मचारी तैनाती एक सप्ताह में करने।

- प्राथमिकता के आधार पर कुटेशन पर काम कराने।

-हॉट मिस्क की सड़कों का पुराना मलवा हटाकर ही नई सड़क बनाने।

-बायोमीट्रिक मशीन एक महीने में लगाने।

-वार्डों में तैनात सफाई कर्मियों की फोटो नहीं लगेंगे लेकिन, नाम व मोबाइल नंबर फ्लेक्सी पर लिखवाकर वार्डों में लगेंगी।

-कान्हा गोशाला में ठंड को देखते हुए गायों व गोवंश के नीचे रबड़ बिछाने।

-जामा मस्जिद पार्क का सुंदरीकरण स्मार्ट सिटी के तहत कराने। यह भी आरोप व मुद्दे छाए

-पोर्टेबल दुकानों के उद्घाटन में पार्षद रुचि चौधरी के आरोप को निराधार बताया। पीएम स्वनिधि योजना की सूचना दी गई। उसी का हिस्सा पोटेर्बल दुकानों का उद्घाटन था।

-आदर्श कालोनी में नलकूप बनाने के बाद पाइप लाइन नहीं बिछाने का आरोप लगा।

-पाइप लाइन बिछाने के बिना ही भुगतान का आरोप लगाने पर पार्षद शिवराज गुर्जर से महापौर ने मांगे साक्ष्य।


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