उत्तर प्रदेश दिवस 24 जनवरी को मनाया जाएगा, जानें क्या रहेगी थीम, क्या-क्या होंगे आयोजन
UP Day 2022 उप्र राज्य का स्थापना दिवस 24 जनवरी को मनाया जाएगा। आचार संहिता का पालन करते हुए इसे मनाया जाएगा। उत्तर प्रदेश दिवस का आयोजन आजादी का अमृत महोत्सव एवं चौरी-चौरा शताब्दी समारोह की थीम पर किया जायेगा।
मुरादाबाद, जेएनएन। Uttar Pradesh Day 2022 : 24 जनवरी को उप्र राज्य के स्थापना दिवस को आचार संहिता का पालन करते हुए मनाया जाएगा। जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि वर्ष 2018 से प्रतिवर्ष 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश राज्य की स्थापना दिवस के रुप में उत्तर प्रदेश दिवस का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विगत वर्षो की भांति इस वर्ष भी आगामी 24 जनवरी 2022 को उत्तर प्रदेश दिवस मनाया जाएगा। इस दिवस पर कोविड-19 के नियमों का पालन भी किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने बताया कि इस वर्ष उत्तर प्रदेश दिवस का आयोजन आजादी का अमृत महोत्सव एवं चौरी-चौरा शताब्दी समारोह की थीम पर किया जायेगा। जनपद स्तरीय कार्यक्रमों में वंदे मातरम का गायन एवं पुलिस बैंड द्वारा राष्ट्रधुन का वादन को भी सम्मिलित किए जाने के शासन से निर्देश प्राप्त हुए हैं। कार्यक्रम स्थल पर जनपद के गौरवशाली इतिहास, चौरी-चौरा की घटना तथा स्वतन्त्रता संग्राम में जनपद के योगदान, शहीद स्मारकों एवं स्थलों पर आधारित अभिलेख एवं चित्र प्रदर्शनियों का छात्र-छात्राओं द्वारा आयोजन किए जाएंगे।
जिलाधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश दिवस के उपलक्ष्य में जनपद की स्थानीय बोली-भाषा में आजादी से जुडे लोक गीतों का गायन, आजादी की गाथाओं पर आधारित नाटक या नृत्य नाटिकाओं तथा प्रदेश की समृद्धिशाली संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन सक्रिय जनसहभागिता के साथ किया जायेगा। कार्यक्रम के अन्र्तगत जनपद के शहीद स्मारकों /पर्यटन स्थलों पर आधारित आॅनलाइन फोटोग्राफी तथा पेन्टिंग प्रतियोगिताएं किशोर एवं युवा वर्ग की भागीदारी से आयोजित की जाएंगी।
सामाजिक समरसता एक सामाजिक यज्ञ : विश्व हिंदू परिषद की ओर से सामाजिक समरसता दिवस पर विचार गोष्ठी हुई। प्रेम चुनरिया बुध बाजार में आयोजित कार्यक्रम में अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ प्रबंधक केनरा बैंक रामावतार पाल ने कहा हमारा समाज अनेक शाखाएं और उप शाखाओं में विभाजित है। हमें इन सब को एक छत के नीचे लाना है। सामाजिक समरसता एक सामाजिक यज्ञ है।
इसके द्वारा समाज से जो व्यक्ति भटक गए हैं उन्हें समाज में पुनः वापस लाने का हर तरह का प्रयास करेंगे। प्रांत संगठन मंत्री नागेंद्र समर्थ ने कहा कि हिंदू समाज के गोत्र का अध्ययन किया जाए तो सभी एक समान व्यवस्था से बंधे हुए हैं। लेकिन,आज के समाज की व्यवस्था देखिए कि भगवान राम के मंदिर में भगवान वाल्मीकि नहीं है और भगवान वाल्मीकि के मंदिर में भगवान राम नहीं है। जबकि दोनों एक दूसरे के पर्याय हैं। जो संत रविदास भगवान कृष्ण के लिए और मां गंगा के लिए अछूते नहीं रहे लेकिन समाज के लिए हो गए।
गंगा स्नान, सामाजिक क्षेत्र या भंडारे में छुआछूत नहीं होता लेकिन हिंदू समाज को विभाजित करने वाले व्यक्तियों ने ऐसी व्यवस्था बना दी । इस अवसर पर प्रांत मंत्री डा राजकमल गुप्ता ,प्रांत सह धर्म प्रसार प्रमुख विजय सिंह ,संगठन मंत्री गौरव, प्रामित गुप्ता ,गौरव भटनागर ,सतीश अरोड़ा डा मनोज सक्सेना,प्रभात गोयल विपिन गुप्ता, भवनीश सेंगर ,राम गुप्ता, अविनाश गुप्ता, रविंद्र छाबड़ा योगेश त्यागी, गौरव कश्यप समेत अन्य मौजूद रहे।