ऐसी क्या है वजह कि मुरादाबाद में बढ़ रहे अति कुपोषित बच्चे
मंडल में कुपोषण से पीड़ित बच्चे निरंतर बढ़ रहे हैं
मुरादाबाद: तमाम योजनाओं के बाद भी मंडल में कुपोषण से पीड़ित बच्चे निरंतर बढ़ रहे हैं। बच्चों के पौष्टिक आहार के लिए भी एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं की डयूटी रहती हैं। लेकिन फिर भी इनकी संख्या बढ़ रही है। इसके अलावा एक से सात सितंबर तक कुपोषण सप्ताह मनाया जाएगा। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए कोई तैयारी नहीं की है। विभागीय स्तर पर जागरूकता कार्यक्त्रम की भी कोई कार्ययोजना नहीं है। आकड़े काफी चौंकाने वाले हैं। अकेले मुरादाबाद में 20 हजार 577 अति कुपोषित बच्चे हैं। इसके अलावा कम वजन, नाटे कद के बच्चों की भी संख्या है। कम वजन के बच्चे
भारत 35.5 फीसद
उत्तर प्रदेश 39.5
मुरादाबाद 43.2 नाटे कद के बच्चे
भारत 38.4 फीसद
उत्तर प्रदेश 46.00
मुरादाबाद 45.01 अति कुपोषित बच्चे
भारत 7.5 फीसद
उत्तर प्रदेश 6.00
मुरादाबाद 4.01 खून की कमी वाली महिलाएं
उत्तर प्रदेश 51 फीसद
मुरादाबाद 69.8 सभी महिलाओं में खून की कमी
उत्तर प्रदेश 52.4 फीसद
मुरादाबाद 62 फीसद मंडल में अति कुपोषित बच्चे
मुरादाबाद 20 हजार 577
अमरोहा सात हजार 416
बिजनौर 23 हजार 504
रामपुर 20 हजार 870
सम्भल 16 हजार 330
नोट : ये सभी आकड़े दिसंबर 2017 नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 के हैं। बच्चा कमजोर है तो ये काम करें
नवजात से छह माह तक मा का दूध पिलाएं, ह से सात माह के बच्चे को मा का दूध और दलिया-खिचड़ी दो बार खिलाएं, सात माह से ढाई साल तक खिचड़ी-दलिया दिन में एक बार और मा का दूध पिलाएं। उल्टी-दस्त में ये करें
बारिश के मौसम में छोटे बच्चों की देखभाल जरूरी है। छोटे बच्चे को अगर उल्टी-दस्त हो जाएं तो प्राथमिक तौर पर उसे ओआरएस का घोल या फिर नमक-शकर का पानी दें। दो या तीन दस्त होने पर फौरन ही बाल रोग विशेषज्ञ के पास ले जाएं। जिससे समय से उसकी तबीयत में सुधार हो सके। तुरंत कराएं इलाज : चिकित्सक
बच्चा कमजोर है तो फौरन उसे इलाज के लिए बाल रोग विशेषज्ञ के पास ले जाएं। कुपोषित या अति कुपोषित बच्चा है तो उसे पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कर इलाज किया जाएगा।
-डॉ. एसके सक्सेना, बाल रोग विशेषज्ञ