यूपीए सरकार ने नौसेना को चार साल तक नहीं दिया सुरक्षा बजट
आरटीआइ से खुलासा हुआ है कि यूपीए सरकार में भारतीय नौसेना के दिए जाने वाले बजट में कटौती की गई थी। चार साल तक सुरक्षा संबंधी मद का बजट नहीं जारी किया गया।
मुरादाबाद, [रितेश द्विवेदी] जिस सेना के सहारे हम निडर और सुरक्षित रहते हैं, उसी सेना के सुरक्षा सुविधा बजट में सरकारें कटौती कर देती हैं। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की सरकार में भारतीय नौसेना के दिए जाने वाले बजट में कटौती की गई थी। यूपीए के कार्यकाल में चार साल तक नौसेना को सुरक्षा संबंधी मद का बजट ही नहीं जारी किया गया। यह बात हम नहीं, बल्कि नौसेना मुख्यालय से आरटीआइ के सवालों के आए जवाब में सामने आया है।
आरटीआइ का नेवी अफसर ने दिया जवाब
23 अगस्त, 2018 को गृह मंत्रालय से आरटीआइ में तीनों सेनाओं को लेकर कुछ सवाल पूछे गए थे। इसमें नौसेना ने अपने बजट और खर्च संबंधी कुछ सवालों के जवाब दिए। नौसेना मुख्यालय के जनसूचना अधिकारी वीरेन्द्र के राना की ओर से आरटीआइ के जवाब में बताया गया है कि साल 2010 से 2013-14 के वित्तीय वर्ष में नौसेना के सुरक्षा सुविधा मद का बजट यूपीए सरकार में जारी नहीं किया गया। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार आने के बाद इस बजट को जारी किया गया। इसमें साल 2014-15 के वित्तीय वर्ष में 19 लाख रुपये जारी किए गए। वहीं साल 2017-18 के वित्तीय वर्ष में इस बजट को बढ़ाकर 22 करोड़ 29 लाख रुपये कर दिया गया।
मोदी सरकार ने दोगुना किया बजट
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के कार्यकाल में नौसेना के सभी मदों के बजट को दो गुना किया गया। सबमरीन और एयरक्राप्ट मेंटीनेंस के लिए यूपीए सरकार ने साल 2010-11 में 606.30 करोड़ रुपये का बजट जारी किया था, जबकि साल 2014-15 में एनडीए सरकार ने इसी मद के बजट को बढ़ाकर 836.11 करोड़ रुपये कर दिया था। साल 2017-18 में मेंटीनेंस बजट को बढ़ाकर 1034.90 करोड़ रुपये कर दिया गया। एनडीए सरकार के कार्यकाल में सेना के बजट में किसी भी प्रकार की कटौती नहीं की गई। वहीं सभी मदों के बजट को बढ़ाकर दिया गया।