उत्तराखंड की बसों का मुरादाबाद में प्रवेश रोका तो देहरादूर बस अड्डे पर खड़ी करा ली गईं मुरादाबाद की बसें
Entry of Uttarakhand buses stopped in Moradabad बस संचालन को लेकर उत्तराखंड रोडवेज व मुरादाबाद रोडवेज के बीच विवाद हो गया। मुरादाबाद में उत्तराखंड की बसों का को रोक दिया गया। दोनों पक्षों की समझौता के बाद बसों का संचालन शुरू हो गया।
मुरादाबाद, जेएनएन। Entry of Uttarakhand buses stopped in Moradabad : बस संचालन को लेकर उत्तराखंड रोडवेज व मुरादाबाद रोडवेज के बीच विवाद हो गया। मुरादाबाद में उत्तराखंड की बसों का को रोक दिया गया। दोनों पक्षों की समझौता के बाद बसों का संचालन शुरू हो गया। मुरादाबाद से देहरादून जाने वाली बसों को उत्तराखंड रोडवेज के अधिकारियों ने देहरादून बस अड्डे पर रोक लिया और कहा कि मुरादाबाद से आने वाली बसों की संख्या अधिक है। मुरादाबाद रोडवेज के अधिकारियों ने देहरादून के रोडवेज अधिकारियो से कहा कि परमिट के आधार पर बसों को उत्तराखंड भेजा जाता है। उत्तराखंड रोडवेज की 95 फीसद बसें उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में चलती है।
उत्तराखंड की देहरादून हरिद्वार से 15 बसों को मुरादाबाद आने का परमिट है। उसके स्थान पर 44 बसें मुरादाबाद आती है। इसके बाद भी उत्तराखंड रोडवेज के अधिकारियों ने देहरादून में बसों को नहीं छोड़ा तो शनिवार को मुरादाबाद रोडवेज के अधिकारियों ने उत्तराखंड के बसों को बस अड्डे पर रोक दिया और परिचालक के टिकट बनाने वाले मशीन आदि जमा कर लिया। इसके बाद उत्तराखंड रोडवेज अधिकारियों में खलबली मच गई। यूपी व उत्तराखंड रोडवेज अधिकारियों के बीच समझौता हुआ और शाम को दोनों ओर से रोकी गई बसों छोड़ दिया गया।सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक मुरादाबाद डिपो सोमपाल ने बताया कि दोनों ओर से समझौता हो गया है और रोकी गई बसों को छोड़ दिया गया है। अब परमिट के आधार पर बसों को चलाया जाएगा।
नारी सशक्तीकरण का महत्व बताया : आरएसडी अकादमी में मिशन शक्ति कार्यक्रम के तीसरे चरण में नगर निगम की ओर से छात्राओं को आत्म रक्षा को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी दी। एसआइ निशा खटानाने छात्राओं को नारी सशक्तीकरण का महत्व है। हेल्प लाइन नंबरों में 102, 108, 1090 व 112 पर फोन करके सहायता प्राप्त कर सकती हैं। कार्यक्रम का शुभारंभ आरएसडी समूह के अध्यक्ष डा. विनोद कुमार, डा.जी कुमार ने किया। मुख्य अतिथि एवं सहायक नगर आयुक्त गंभीर सिंह ने कहा कि आइंसटीन, शहीद भगत सिंह, सुंदर पिचाई इन सबको पढ़ने का बहुत शौक था। इसलिए पढ़ाई खुद तो करें ही साथ ही गरीबों की शिक्षा के प्रति जागरूक हों। इस दौरान प्रवर्तन दल के प्रभारी एसके शाही ने नारी शक्ति और पर्यावरणविद राम सिंह विष्ट ने पर्यावरण विषय पर विचार रखे।