मुरादाबाद से टनकपुर और बदायूं के लिए नहीं जा रहीं UP Roadways की बसें, जानें क्या है वजह
UP Roadways News बजट के अभाव में बसों की मरम्मत के लिए मांग से कम पार्टस मिल रहे हैंं। ऐसे में एक बस ठीक होती है तो दूसरी बसें खराब हो जाती हैंं। बसों के अभाव में टनकपुर के लिए रोडवेज की बसें नहीं चल रही है।
मुरादाबाद, जेएनएन। UP Roadways News : बजट के अभाव में बसों की मरम्मत के लिए मांग से कम पार्टस मिल रहे हैंं। ऐसे में एक बस ठीक होती है तो दूसरी बसें खराब हो जाती हैंं। बसों के अभाव में टनकपुर के लिए रोडवेज की बसें नहीं चल रही है। बदायूं जाने वाले यात्रियों को चन्दौसी में जाकर बस बदलना पड़ रहा है।जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मुरादाबाद में रोडवेज की दो सौ बसें हैं। यहां से सभी स्थानों के लिए बसों का संचालन किया जाता है। अधिकांश बसें पांच साल से अधिक पुरानी हैंं।
बसों की मरम्मत के लिए प्रत्येक माह 20 लाख रुपये की पार्टस व टायर की आवश्यकता होती है। पार्टस व टायर रोडवेज मुख्यालय से भेजे जाते हैंं। इसके बाद डिपो में कार्यरत कर्मचारी बसों की मरम्मत करते हैं। कोरोना का संक्रमण शांत होने के बाद रोडवेज प्रबंधन 20 लाख की जगह पांच लाख रुपये से कम के पार्टस भेज रहा था। आय बढ़ने के बाद दस लाख रुपये के पार्टस व टायर भेजना शुरू कर दिया है।
बसों के आगे के पहियेे में नया टायर लगाया जाता है। नया टायर नहीं होने से बसों के दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना अधिक होती है।डिपो में जितनी बसों को मरम्मत की जाती है, उससे अधिक बसें खराब होने से या टायर नहीं होने से खड़ी हो जाती हैंं। वर्तमान में मुरादाबाद में 35 बसें डिपो में खड़ी हुई हैंं। जिसके चलते टनकपुर के लिए बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है। उत्तराखंड की बसें टनकपुर से आती हैंं, वही बस वापस जाती है। यात्रियों को बसों का इंतजार करना पड़ता है।
दोपहर में बदायूं के लिए मुरादाबाद से कोई बस नहीं है। बदायूं जाने वाले यात्रियों को चन्दौसी जाना पड़ता है, चन्दौसी से दूसरी बस पकड़ कर बदायूं जाते हैं। इसी तरह से नूरपुर, चांदपुर के लिए बस नहीं जाती है। इसके अलावा कई मार्गों पर बसों की संख्या कम हो गई है। जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक शिव बालक ने बताया कि टायर व पार्टस नहीं होने से 35 बसें डिपो में खड़ी हैंं। मुख्यालय से जैसे-जैसे पार्टस व टायर आते हैं, मरम्मत कर बसों को चलाया जाता है। बसों की कमी के कारण कई मार्गों पर संचालन करना कठिन हो गया है।
यात्री मोइउद्दीन ने बताया कि एक घंटे से टनकपुर जाने के लिए बसें नहीं मिली तो पूछताछ कक्ष में पूछने से बताया कि उत्तराखंड डिपो की बसें आएगी, वहीं बस टनकपुर जाएगी। मुरादाबाद से रोडवेज की बसों को टनकपुर के लिए नहीं चलाया जाता है। दो घंटे बाद टनकपुर जाने के लिए बस मिल पाया है।सुरेंद्र का कहना है कि बदायूं जाने के लिए सुबह दस बजे से बस अड़्डे पर इंतजार कर रहे हैं। रोडवेज कर्मचारी ने बताया कि दोपहर में बदायूं के लिए मुरादाबाद से सीधी बसें नहीं चलती है। मुरादाबाद से चन्दौसी चले जाए और चन्दौसी से बदायूं के लिए बस मिल जाएगा।