सौर ऊर्जा से रोशन हुए वन क्षेत्र के तीन गांव
रामपुर जिले में तीन गांव ऐसे भी हैं जो पूरे के पूरे सौर ऊर्जा से जगमग हैं। वन क्षेत्र में होने के कारण इन गांवों के लिए बिजली की लाइन नहीं पहुंच पा रही थी।
मुरादाबाद : रामपुर जिले में तीन गांव ऐसे भी हैं, जो पूरे के पूरे सौर ऊर्जा से जगमग हैं। वन क्षेत्र में होने के कारण इन गांवों के लिए बिजली की लाइन नहीं पहुंच पा रही थी। ऐसे में इन गांवों को सौर ऊर्जा से रोशन किया गया। हर घर के सामने खंभा लगाकर सोलर पैनल लगाया गया है। इससे घर के अंदर पांच लाइट और एक पंखा चलाने की व्यवस्था की गई है।
सरकार ने सौभाग्य योजना के तहत जिले में एक लाख से ज्यादा लोगों को मुफ्त में कनेक्शन दिए और आठ ऐसे गांवों में बिजली पहुंचाई, जहां आजादी के बाद से बिजली की लाइन नहीं पहुंच सकी थी। तीन गांवों में सौर ऊर्जा से रोशनी की जा रही है। इन गांवों के लोग बिजली की समस्या को लेकर परेशान थे। डिबिया की रोशनी में ही जिदगी बिता रहे थे। बच्चों की शादी करने में भी दिक्कत आ रही थी। दूसरे गांवों के लोग बिजली न होने के कारण इस गांव के युवाओं से अपनी बेटियों की शादी करने से कतराते थे। पिछले माह ये गांव सौर ऊर्जा से रोशन हो गए हैं। विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता विजय पाल सिंह कहते हैं कि तीन गांवों वन क्षेत्र में हैं, इस कारण इन गांवों में लाइन नहीं खिच पा रही थी। स्वार ब्लाक के नवीगंज और बिलासपुर ब्लाक के नसरत नगर व रवाना लाला में लाइन नहीं पहुंच सकी तो इन तीनों गांवों को सौर ऊर्जा से रोशन कराया गया है। सारा खर्च सरकार ने किया
वैकल्पिक ऊर्जा विभाग के परियोजना अधिकारी डीडी गुप्ता कहते हैं कि रामपुर जिले में 64 परिवारों को मुफ्त में सौर ऊर्जा मुहैया कराई गई है। इन घरों के सामने 240 वाट का सोलर पैनल लगाया गया है और हर घर में पांच एलइडी लाइट जलाने व एक पंखा चलाने की व्यवस्था की गई है। एक परिवार की लाइट व्यवस्था पर 45 हजार का खर्च आया है। कुल मिलाकर जिले में 28 लाख 80 हजार रुपये इन परिवारों पर खर्च किए गए हैं। पांच साल तक वैकल्पिक ऊर्जा विभाग इनकी देखरेख करेगा। अगर कोई खराबी आई तो उसे भी दूर करेगा। इस सिस्टम को लगवाने में ग्रामीणों को कोई खर्च नहीं करना पड़ा है। सारा पैसा सरकार ने खर्च किया है। शादी में भी आती थी दिक्कत
गांव के अब्दुल करीम का कहना है कि हमने तो सपने में भी नहीं सोचा था कि हमारे गांव में लाइट की व्यवस्था हो जाएगी। हमारा गांव छोटा है और गांव में कोई नेता भी नहीं है। इसलिए हमें उम्मीद भी नहीं थी कि सरकार हमारे गांव में भी इतना बड़ा काम करा देगी। लाइट के अभाव में परेशान थे लोग
अब्दुल रहमान कहते हैं कि लाइट न होने की वजह से हम अपने को बहुत पिछड़ा हुआ महसूस करते थे। शादी विवाह करने में भी दिक्कत आती थी, क्योंकि दूसरे गांव के लोग हमारे गांव में अपनी बेटी की शादी करना पसंद नहीं करते थे।