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चुनौतियों से निकल कर जो मंजिल तक पहुंचे वही विजेता : प्रीति

मुरादाबाद : उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. प्रीति गौतम ने कहा कि चुनौतियां तो आती रहती हैं, लेकिन उनके बीच से रास्ता निकाल कर मंजिल तक पहुंचे, वह ही सही मायनों में विजेता कहलाता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 12:45 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 12:45 PM (IST)
चुनौतियों से निकल कर जो मंजिल तक पहुंचे वही विजेता : प्रीति
चुनौतियों से निकल कर जो मंजिल तक पहुंचे वही विजेता : प्रीति

मुरादाबाद : उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. प्रीति गौतम ने कहा कि चुनौतियां तो आती रहती हैं, लेकिन जो उनके बीच से रास्ता निकाल कर मंजिल तक पहुंचे, वह ही सही मायनों में विजेता कहलाता है। सकारात्मक प्रयासों से ही परिवर्तन संभव होता है।

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वह रामपुर के राजकीय रजा स्नातकोत्तर महाविद्यालय में चल रहे राष्ट्रीय सेमिनार के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहीं थीं।

उन्होंने कहा कि शिक्षा एक सांस्कृतिक प्रक्रिया है। इसके अलावा यह समाजीकरण का माध्यम, शक्ति का स्त्रोत तथा शोषण से मुक्ति का मार्ग भी है। शिक्षा का व्यक्ति और समाज के विकास से गहरा संबंध है। समाज के विकास और परिवर्तन के साथ ही शिक्षा व ज्ञान का चरित्र भी बदला है। राजा राम मोहन राय, ईश्वरचन्द्र विद्यासागर, केशवचन्द्र सेन व रविन्द्रनाथ टैगोर आदि जैसे विद्वानों के शिक्षा-दर्शन व स्वतन्त्रता-आन्दोलन के संकल्पों के साथ शिक्षा के ढांचे व मूल्यों की जो शुरूआत हुई थी, वह आज पूर्णत: पलट गई है। कहा कि शिक्षा अब विरोधाभासों और अन्तर्विरोधों का क्षेत्र है। शिक्षण संस्थाओं के नाम पर आज विश्वविद्यालयों, डिग्री कालेजों, इंजीनिय¨रग कालेजों, पॉलिटेक्निक कालेजों व प्रबंधन कालेजों का विशाल जाल है, जिससे शिक्षा-तंत्र के विस्तार का अनुमान लगाया जा सकता है। शिक्षण संस्थाओं में निरंतर वृद्धि युवाओं में शिक्षा प्राप्त करने की प्रबल-इच्छा को दर्शाती है, लेकिन इन संस्थानों की मोटी फीस अधिकांश युवाओं की इच्छा को नष्ट कर देती है। शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों की संख्या में निश्चित तौर पर बढ़ोतरी हुई है, लेकिन इस सब के बावजूद उच्च शिक्षा ग्रहण करने योग्य युवाओं का बहुत बड़ा हिस्सा शिक्षण संस्थाओं से बाहर है। अभिभावकों को चाहिए कि भव्य इमारतों की चमक-दमक से बाहर निकल कर बच्चों को ऐसे सरकारी संस्थानों से जोड़ना चाहिए, जो शिक्षा के क्षेत्र में काफी अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। वहीं ऐसी स्थिति में राजकीय संस्थानों में भी शिक्षा के स्तर में और सुधार लाने की आवश्यकता है। इस अवसर पर प्राचार्य आरपी यादव, संयुक्त निदेशक डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. प्रवीन कुमार, डॉ. आईबी महापात्रा, डॉ. अरशद रिजवी, डॉ. बेबी तबस्सुम, दीपक कुमार शर्मा, गाजी खान, विवेक कुमार व सैयद अब्दुल वाहिद आदि उपस्थित रहे।


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