भ्रष्टाचार के खिलाफ जन सूचना को बनाया हथियार, अब मिल रही जान से मारने की धमकी
मुरादाबाद : जन सूचना अधिकार के तहत सूचनाएं मांगने पर आरटीआइ कार्यकर्ता को जान से मारने क
मुरादाबाद : जन सूचना अधिकार के तहत सूचनाएं मांगने पर आरटीआइ कार्यकर्ता को जान से मारने की धमकी मिली है। कार्यकर्ता ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री के जन सुनवाई पोर्टल पर की। शिकायत पर जांच के आदेश हो गए। यह मामला रामपुर जिले का है।
यह है मामला
धमकी का यह मामला आरटीआइ कार्यकर्ता फैसल मुमताज से जुड़ा है। उन्होंने मुख्यमंत्री को भेजी शिकायत में कहा है कि वह चार साल से डायग्नो हेल्थ केयर सेंटर के नाम से पैथोलॉजी कलेक्शन सेन्टर चला रहे हैं। इसके अलावा सड़क जागरूकता के लिए काम कर रहे हैं। 12 सालों से आरटीआइ कानून के तहत सूचनाएं मांगकर कई घोटाले उजागर कर चुके हैं। उन्होंने सपा सरकार में यहां रहे एआरटीओ कार्यालय के एक अधिकारी के खिलाफ सूचनाएं मांगी थीं। अधिकारी पर सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया था।
चल रही है जांच
इस शिकायत की जांच चल रही है। कार्यालय में तैनात एक प्रवर्तन पर्यवेक्षक द्वारा शिकायत को वापस लेने के लिए अनावश्यक दबाव बनाया गया। कुछ लोग मेरे पैथोलॉजी सेंटर पर आकर अंजाम भुगतने की धमकी देने लगे।
मिल रही सेंटर बंद कराने की भी धमकी
सेंटर बंद कराने की भी धमकी दी। इसकी शिकायत वर्तमान में तैनात एआरटीओ से की। शिकायत के बाद प्रवर्तन पर्यवेक्षक ने चन्दौसी, मुरादाबाद आदि शहरों के लोगों से मेरे खिलाफ फर्जी प्रार्थना पत्र दिलाए। उन प्रार्थना पत्र की जांच करने पर शिकायत सही नहीं पाई गई।
झेल रहा मानसिक और आर्थिक उत्पीड़न
इसके बाद प्रवर्तन पर्यवेक्षक ने गंभीर आरोप लगाते हुए बिना नाम से डीएम से शिकायत की। इसकी जांच एलआइयू द्वारा की जा रही है। प्रवर्तन पर्यवेक्षक की इस हरकतों से वह और उनके परिवार को मानसिक और आर्थिक उत्पीड़न झेलना पड़ रहा है। समाज में उनकी प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है। यह मानहानि की श्रेणी में आता है। प्रवर्तन पर्यवेक्षक का स्थानांतरण जुलाई 2017 में बरेली हो चुका है। इसके बाद भी वह यहां काम कर रहा है। प्राइवेट लोगों के साथ निजी वाहनों से हाईवे पर अवैध वसूली करता है। खनन माफिया से भी उसके संबंध हैं। सीओ सिटी ने बताया कि शिकायत पर जांच शुरू हो गई है। शिकायकर्ता को बुलाकर उनके बयान लिए हैं।