प्रदूषण के 'जहर' से जल रहा शहर
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : पीतल नगरी की चमक पूरी दुनिया में मशहूर है, लेकिन इसकी चमक पर
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : पीतल नगरी की चमक पूरी दुनिया में मशहूर है, लेकिन इसकी चमक पर प्रदूषण ने काला धब्बा लगा दिया है। जनप्रतिनिधियों से लेकर सामाजिक संस्थाओं की ओर से कभी भी इस समस्या को हल करने के लिए प्रयास नहीं किया गया। शायद इसी के चलते आज यह समस्या विकराल रूप लेती जा रही है। सरकारी तंत्र की नाकामी का ही यह परिणाम है कि शहर में दिनों-दिन प्रदूषण का स्तर चरम पर पहुंच रहा है। देश की राजधानी दिल्ली के साथ ही शहर में भी प्रदूषण जहर बनकर लोगों को जलाने का काम कर रहा है।
उद्योगपतियों के हितों को देखते हुए प्रशासनिक अफसरों से लेकर जनप्रतिनिधियों ने भी कभी इसको खत्म करने की मंशा नहीं दिखाई। शहर के बीच में बसे बुध बाजार, लाजपत नगर, कटघर, गुलाबबाड़ी के साथ ही दर्जनों ऐसे मोहल्ले हैं, जहां पर काला जहर दिनभर वायुमंडल को प्रदूषित करने का काम करता है। जहर उगल रहे इन प्रतिष्ठानों पर केवल नोटिस देकर सरकारी विभाग के अफसर अपनी जिम्मेदारी से बचते हैं। जनपद और शहर की राजनीति में नेता हमेशा विकास को मुद्दा बनाकर वोट बटोरने का काम करते हैं, लेकिन कभी भी किसी नेता ने पर्यावरण के लिए प्रदूषण को खत्म करने का मुद्दा नहीं उठाया। समाज का प्रत्येक नागरिक प्रदूषण के धुएं में सांसे ले रहा है। अफसर केवल तमाशा देखने में जुटे हुए हैं। हवा से लेकर पानी तक को प्रदूषण ने अपने शिकंजे में जकड़ लिया है। इस समस्या के निदान को लेकर जो कदम उठाए भी जा रहे हैं, वह काफी नहीं है।
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रामगंगा किनारे जमा 25 हजार टन कचरा
बीते कई सालों से रामगंगा के किनारे ई-कचरे का जला हुआ पाउडर का ढेर लगा हुआ है। इस जले हुए कचरे के कारण रामगंगा का जल से लेकर जमीन तक बंजर हो रही है। ई-कचरे के पाउडर को हटाने के लिए कई बार प्रयास किए गए हैं। लेकिन अभी तक यह कचरा नहीं हटा। हालांकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अब ई-कचरे का पाउडर हटाने के लिए दूसरे राज्यों की कंपनियों को आमंत्रित किया है। .......................
भट्ठों पर नहीं हुई प्रभावी कार्रवाई
जनपद में लगभग साढ़े तीन सौ भट्ठों का संचालन हो रहा है। जिनमें से आधा सैकड़ा भट्ठों के द्वारा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। कई ऐसे भट्ठे भी हैं, जिनका देहात क्षेत्र में अवैध रूप से संचालन किया जा रहा है।
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बोले लोग--
प्रदूषण को जड़ से खत्म करने के लिए प्रभावी कदम प्रशासन को उठाने चाहिए। सामाजिक संस्थाएं भी तभी आगे आएंगी जब प्रशासन सहयोग करेगा। यह समस्या लोगों की जिंदगी से जुड़ी हुई है।
विचित्र शर्मा, पर्यावरण प्रहरी
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प्रदूषण को कम करने के लिए डीजल वाहनों पर पाबंदी लगनी चाहिए। पुराने वाहनों को प्रशासन शहर से बाहर करे,ताकि ध्वनि और वायु प्रदूषण पर काबू पाया जा सके। वाहन प्रदूषण से लोग गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।
सचिन जैन,
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पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रदूषण पर लगाम लगनी चाहिए। अफसरों के साथ आम लोगों को भी इस काम में सहयोग प्रदान करें। सभी के सहयोग से ही इस समस्या को खत्म किया जा सकता है।
ईशू शर्मा
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प्रदूषण एक दिन में खत्म होने वाली समस्या है। राजनीतिक इच्छा शक्ति के बिना इस समस्या को खत्म नहीं किया जा सकता है। स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त वातावरण बनाने के लिए सभी को अपने हिस्से की जिम्मेदारी का निर्वाहन करना होगा।
योगेश बाजपेयी
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राजनीतिक पार्टियां विकास को मुद्दा जरूर बनाती हैं,लेकिन लोगों की जिंदगी से जुड़े इस मुद्दे को लेकर कोई भी नेता सक्रिय नहीं होता है। सभी की जिंदगी से जुड़े इस मुद्दे पर एक साथ काम करने की जरूरत है।
अमन
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स्वच्छता अभियान की तरह की प्रदूषण मुक्त भारत के लिए भी अभियान चलाने की जरूरत है। आम लोग जब जागरूक होंगे तभी यह शहर प्रदूषण मुक्त होगा। किसी भी पार्टी के घोषणा पत्र में इस मुद्दे को आज तक नहीं शामिल किया गया।
शुभम शर्मा