यूपी में समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका, दो विधायक कांग्रेस और बसपा में शामिल, दोनों ही लड़ेंगे चुनाव
UP Election 2022 सपा के बागी विधायक इकराम कुरैशी कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। समाजवादी पार्टी के दूसरे बागी विधायक हाजी रिजवान ने बसपा ज्वाइन की है। बसपा ने कुंदरकी से रिजवान को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। तो देहात से इकराम को कांग्रेस टिकट दे सकती है।
मुरादाबाद, जेएनएन। UP Vidhan Sabha Election 2022 : समाजवादी पार्टी के बागी विधायक इकराम कुरैशी कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। वहीं पार्टी के दूसरे बागी विधायक हाजी रिजवान ने बहुजन समाज पार्टी ज्वाइन की है। बसपा ने कुंदरकी से सपा विधायक रहे हाजी रिजवान को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। तो देहात विधानसभा सीट से विधायक हाजी इकराम कुरैशी को कांग्रेस टिकट दे सकती है। अभी इसकी घोषणा नहीं हुई है।
समाजवादी पार्टी ने देहात सीट से वर्तमान विधायक हाजी इकराम कुरैशी का टिकट काटकर हाजी नासिर कुरैशी और कुंदरकी विधानसभा सीट से लगातार दो बार के विधायक हाजी रिजवान कुरैशी का टिकट काटकर सम्भल सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के पोते जियाउर्रहमान को टिकट दिया था। वहां से पूर्व विधायक अनीसुर्रहमान सैफी की जगह पूर्व मंत्री कमाल अख्तर को टिकट दिया गया है। टिकट कटने के बाद से दोनों विधायकों के तेवर बागी हो गए थे। देहात विधायक हाजी इकराम कुरैशी ने तो प्रत्याशी हाजी नासिर कुरैशी पर गंभीर आरोप लगाए थे।
यहां तक कि उन पर गो मांस का कारोबार करने का भी आरोप लगा दिया था। इसका एक वीडियो भी वायरल है। देहात विधायक ने अपने समर्थकों से राय लेने के लिए घर पर बैठक बुलाई थी। बुधवार की रात कांग्रेस ने हाजी इकराम कुरैशी को पार्टी में शामिल कर लिया। वहीं शनिवार को पार्टी छोडऩे की घोषणा करने वाले कुंदरकी विधायक रिजवान को समाजवादी पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था। उनको बसपा ने कुंदरकी से प्रत्याशी बनाया है।
कुंदरकी-बिलारी पर तुर्क सियासतः समाजवादी पार्टी ने कुंदरकी विधानसभा सीट से विधायक हाजी रिजवान का टिकट काटने के साथ ही सम्भल सांसद हाजी शफीकुर्रहमान के पोते जियाउर्रहमान पर भरोसा जताया है। दोनों ही तुर्क बिरादरी से आते हैं। टिकट फाइनल होने के बाद से ही विरोध के सुर दिखाई दिए। 2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का दावा था कि उनको करीब 15 हजार वोट मुस्लिम मिले थे। इसको लेकर पार्टी हाईकमान में खूब चर्चा भी हुई थी।
ऐसे में विरोध एवं पुतला दहन भी प्रत्याशी का हो चुका है। इसको भी आपसी सियासत से जोड़कर देखा जा रहा है। चर्चा यहां तक थी कि हाजी रिजवान बिलारी से अपने बेटे कल्लन को चुनाव लड़ा सकते हैं। इसकी अभी किसी ने अधिकृत घोषणा नहीं की है। गुरुवार और शुक्रवार को नामांकन होंगे। दोनों दिन में पता चलेगा कि कौन कहां से प्रत्याशी बनाया जाता है। शुक्रवार दोपहर दो बजे तक स्थिति स्पष्ट होगी।