जानें शिक्षाविदों में फिर क्यों छिड़ी मुरादाबाद में मेडिकल कालेज और विश्वविद्यालय की चर्चा, रोजगार का मुद्दा भी उठा
विधानसभा चुनाव नजदीक आ चुका है। चुनावी सरगर्मियों के बीच बुद्धिजीवी-शिक्षाविद के बीच मुद्दे भी गर्माते जा रहे हैं। जनता के मन की बात जानने के लिए दैनिक जागरण की टीम ने हिंदू कालेज में चौपाल लगाई। शिक्षाविदों के बीच से जो मुद्दे निकले वह शिक्षा चिकित्सा से जुड़े थे।
मुरादाबाद, जेएनएन। UP Assembly Election 2022 : विधानसभा चुनाव धीरे-धीरे नजदीक आ चुका है। नामांकन शुरू हो चुके हैं। इन सरगर्मियों के बीच बुद्धिजीवी-शिक्षाविद के बीच मुद्दे भी गर्माते जा रहे हैं। जनता के मन की बात जानने के लिए दैनिक जागरण की टीम ने हिंदू कालेज में चौपाल की। इसमें शिक्षाविदों के बीच से जो मुद्दे निकले वह शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार और महंगाई से जुड़े थे। प्राचार्य डा. सत्यव्रत सिंह रावत ने अपनी रचना चौपाल की शुरुआत करते हुए कहा कि न कोई विवाद हो, फिर से दिल से दिल का संवाद हो, विकास की पटरी पर दौड़ पड़े ऐसा मुरादाबाद हो।
वह बाेले कि विकास की पटरी पर शहर दौड़े ऐसे प्रत्याशी को चुनें। जेडए नकवी ने कहा कि सरकारी मेडिकल कालेज व विश्वविद्यालय खुलना चाहिए। पीतल नगरी के नाम से इस शहर की पहचान है। पीतल कारीगरों के अस्वस्थ होने पर उनको महंगा इलाज कराना पड़ता है। शिक्षा की बात पर बोले कि छोटे से काम के लिए बरेली विश्वविद्यालय भागना पड़ता है। डा.एसबी यादव बोले पीपीपी माडल पर विश्वविद्यालय खुले हैं लेकिन इनमें गरीब का बच्चा नहीं पढ़ सकता।
ऐसा प्रत्याशी चुनें जो सदन में मजबूती से मेडिकल और विश्वविद्यालय का मुद्दा उठा सके। डा आनंद सिंह ने कहा कि किसी भी शहर की आत्मा शिक्षण संस्थाओं में बसती है। लेकिन, यहां विश्वविद्यालय न होने से छोटे से काम के लिए बिजनौर के छात्रों को 250 किमी दूर स्थित बरेली विश्वविद्यालय जाना पड़ता है। राम ज्यावन यादव ने कहा कि हमारे मंडल में एक विवि का क्षेत्रीय कार्यालय तक नहीं है। उच्च शिक्षा से संबंधित असुविधा आती है तो एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय जाना पड़ता है। मुरादाबाद में विवि की स्थापना नहीं हो सकती तो इसकी यूनिट खोल दी जाए।
डा आनंद ने कहा कि प्रत्येक मंडल में विवि है। सदन में इसका मुद्दा उठाने वाले प्रत्याशी को जनता चुने। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी लक्ष्मी कहती हैं कि रसोई महंगी हो गई है। खाद्यान्न सामग्री सस्ती होनी चाहिए। महंगाई से घर चलाना मुश्किल हो गया है। दीपक ने कहा कि रिक्तियां भरनी चाहिए। सरकार ने आउट सोर्सिंग पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को रखने की बात कही थी लेकिन, नहीं रखे गए। दीपक अरोड़ा, अनुज यादव, मोहित भटनागर, महावीर सिंह ने भी संवाद में चिकित्सा-विवि का मुद्दा उठाया।