सावधान, इंटरनेट मीडिया की पोस्ट पहुंचा देगी जेल में, इसलिए ये न करें, वरना हो जाएगी दिक्कत
UP Election 2022 विधानसभा चुनाव में प्रचार पर पाबंदियां होने के बाद इंटरनेट मीडिया पर चुनावी बयार बह रही है। प्रत्याशी के समर्थक पोस्ट फेसबुक वाट्सएप इंस्टाग्राम व ट्विटर पर कर रहे हैं। इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय रहने वाले लोगों को सावधान रहने की भी जरूरत है।
अमरोहा, (सौरव प्रजापति)। UP Vidhan Sabha Election 2022 : विधानसभा चुनाव में प्रचार पर पाबंदियां होने के बाद इंटरनेट मीडिया पर चुनावी बयार बह रही है। प्रत्याशी के समर्थक तरह-तरह की पोस्ट फेसबुक, वाट्सएप, इंस्टाग्राम व ट्विटर पर करते हुए नजर आ रहे हैं। इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय रहने वाले लोगों को सावधान रहने की भी जरूरत है। ऐसे न हो कि झूठे व आपत्तिजनक संदेश भेज दें। ऐसा करने पर तीन साल की सजा और अफवाह या भड़काऊ बात कर दंगा फैलाने पर सात साल की सजा का प्रावधान है।
प्रत्याशी हर दिन गांव-गांव भ्रमण की फोटो और वीडियो फेसबुक पर साझा कर रहे हैं ताकि वह अपने गांव और क्षेत्र में मजबूत स्थिति में आ सके। फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम सहित इंटरनेट मीडिया के अनेक माध्यमों से विधानसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशी दिन रात मोबाइल पर छाए हैं। कोई लाइव वीडियो बनवा रहा तो कोई आधी रात में इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय रहता है। हर कोई इंटरनेट मीडिया पर किसी अन्य से पीछे नहीं रहना चाहता है।
अपने दोस्त, रिश्तेदार और संगे संबंधियों को अपने प्रचार के लिए प्रेरित कर रहे हैं। साथ ही इंटरनेट मीडिया के माध्यम से हर मतदाता के पास पहुंचने का भी प्रयास किया जा रहा है। अमरोहा जिले में दूसरे चरण में 14 फरवरी को मतदान होना है। इसके लिए जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, प्रत्याशी और तेजी से अपने प्रचार में जुट गए हैं। खास बात है कि बहुत से प्रत्याशियों के समर्थकों इंटरनेट मीडिया पर बहस भी कर रहे हैं।
वायरल हो रहे नेताजी के बयान : इनदिनों इंटरनेट मीडिया पर विधायकी की कुर्सी कब्जाने के लिए नेताओं के जतन भी वायरल हो रहे हैं। कोई प्रत्याशी किसी को गुंडा-बदमाश कह रहा है तो कोई प्रशासन को भी अपमानित कर रहा है। आचार संहिता का उल्लंघन करने में भी जनपद के कई प्रत्याशियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है।
आइटी एक्ट में सात साल के लिए हो सकती है जेल : सूचना एवं प्रौद्योगिकी अधिनियम इलेक्ट्रोनिक संचार के माध्यमों के तहत साझा होने वाली जानकारी और आंकड़ों के आदान-प्रदान पर लागू होता है। कानून की धारा 66 ए के तहत झूठे और आपत्तिजनक संदेश भेजने पर तीन साल तक की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा दंगा या अफवाह फैलाने की स्थिति में सात साल तक की जेल भी हो सकती है।
- ई-मेल के जरिये धमकी भरे मैसेज पर आइपीसी की धारा 503 लगेगी।
- ई-मेल से ऐसे मैसेज करना जिससे मानहानि हो, आइपीसी की धारा 499 लगेगी।
- फर्जी इलेक्ट्रोनिक रिकार्ड भेजने पर आइपीसी की धारा 463 लगेगी।
- साइबर धोखाधड़ी पर आइपीसी की धारा 420 लगेगी।
- गलत इस्तेमाल पर आइपीसी की धारा 500 के तहत कार्रवाई हो सकती है।
क्या कहते हैं अधिकारीः मंडी धनौरा पुलिस क्षेत्राधिकारी सतेंद्र सिंह ने बताया कि चुनावी दौर में इंटरनेट मीडिया पर नजर रखने के लिए टीम गठित है। अगर, किसी के भी माध्यम से इंटरनेट मीडिया पर भड़काऊ या अन्य कोई आपत्तिजनक अथवा आचार संहिता का उल्लंघन किया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए पूरी तरह से निगरानी की जा रही है।