आजम खां को है बेटे अब्दुल्ला का नामांकन रद होने का खतरा, बेटे के बैकअप में मां तजीन फात्मा को उतारा
UP Election 2022 यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में सांसद आजम खांं के परिवार को अपने बेटे अब्दुल्ला आजम का नामांकन निरस्त होने का खतरा सता रहा है। अब्दुल्ला ने रामपुर की स्वार टांडा सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन कराया है।
रामपुर, जेएनएन। UP Vidhan Sabha Election 2022 : यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में आजम खांं के परिवार को अपने बेटे अब्दुल्ला आजम का नामांकन निरस्त होने का खतरा सता रहा है। अब्दुल्ला ने रामपुर की स्वार टांडा सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन कराया है। पिछले चुनाव यानी वर्ष 2017 के चुनाव में भी अब्दुल्ला इसी सीट से चुनाव लड़े थे। जीत भी गए थे लेकिन बाद में कम उम्र और फर्जी आधार व पैन कार्ड के मामले के चलते उनकी विधायकी रद कर दी गई थी। इसलिए इस बार अब्दुल्ला के साथ आजम की पत्नी तजीन फात्मा का नामांकन भी स्वार सीट से कराया गया है।
तजीन फात्मा अपने पति आजम खान और बेटे अब्दुल्ला के पीछे हमेशा ताकत बनकर खड़ी रही हैं। इस बार भी उन्होंने बेटे की ताकत बढ़ाने के लिए चुनावी मैदान में साथ उतर कर पर्चा दाखिल किया है। वह खुद रामपुर नगर सीट से वर्तमान में विधायक हैं। वर्ष 2017 में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद आजम की मुसीबत बढ़नी शुरू हुई। इसके बाद से तजीन ने परिवार को बचाने के लिए भूमिका निभाई है। उन्होंने आजम खान की यूनिवर्सिटी का भी कार्यभार संभाला था।
आजम की पत्नी तजीन भी 298 दिन जेल में रही थींः आजम की पत्नी तजीन फात्मा का नाम बेटे अब्दुल्ला आजम के फर्जी प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में सामने आया था। उन पर 34 केस दर्ज हैं। इन मामलों में उन्हें 26 फरवरी 2020 को सीतापुर जेल भी भेज दिया गया था। वे 298 दिन तक जेल में रहीं। मामलों में जमानत मिलने के बाद दिसंबर 2020 में सीतापुर जेल से उनकी रिहाई हुई थी।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से की पढ़ाईः तजीन फात्मा का जन्म 10 मार्च 1949 को हरदोई जिले के बिलग्राम में मोहम्मद अब्दुल कयूम और असगरी खातून के यहां हुआ था। उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से एमए, एमफिल और पीएचडी तक की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने राजनीतिक विज्ञान विभाग में ऐसोसिएट प्रोफेसर के रूप में काम किया। वर्ष 1981 में उनकी शादी आजम से हुई। उनके दो बेटे हैं, अब्दुल्ला और आबिद।
ठुकरा दिया था राज्यसभा सदस्य का प्रस्तावः तजीन फात्मा को वर्ष 2014 में समाजवादी पार्टी ने राज्यसभा सदस्य का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। उनका आरोप था कि पार्टी ने उनके पति पर उचित ध्यान नहीं दिया। हालांकि, बाद में वे राज्यसभा तक पहुंचीं। वर्ष 2014 से 2019 तक वे राज्यसभा सदस्य रहीं। उन्हें वर्ष 2015 में सामाजिक न्याय और अधिकारिता पर एक समिति में नॉमिनेट भी किया गया था।
जमीन विवाद ने किया है परेशानः पति आजम और बेटे अब्दुल्ला के साथ तजीन फात्मा को भी नौ सितंबर 2019 को मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के निर्माण के लिए किसानों की जमीन हड़पने के आरोप में नोटिस जारी किया गया था। इसके अलावा हमसफर रिसार्ट बनवाने के लिए सरकारी जमीन कब्जाने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था। साथ ही बिजली चोरी के मामले में भी उन पर मुकदमा दर्ज है। वे इन मामलों को सरकार की ओर से बदले की कार्रवाई बताती रही हैं।