ये कहानी है रामपुर के नवाबों के सियासी सफर की, आप भी पढ़ें और जानें इस बार कौन उतरा है चुनाव मैदान में
UP Chunav 2022 नवाबी दौर के बाद से ही रामपुर की सियासत में नवाब खानदान का दबदबा रहा है। पहले मिक्की मियां और फिर उनकी पत्नी नूरबानो सांसद बनीं। इस बार भी नवाब खानदान पूरे दमखम से जुटा है। इस बार तीसरी पीढ़ी चुनाव मैदान में है।
रामपुर, (मुस्लेमीन)। UP Vidhan Sabha Election 2022 : नवाबी दौर खत्म होने के बाद से ही रामपुर की सियासत में नवाब खानदान का दबदबा रहा है। पहले मिक्की मियां और फिर उनकी पत्नी बेगम नूरबानो सांसद बनीं। बेटे नवेद मियां भी पांच बार विधायक चुने गए। इस विधानसभा चुनाव में भी नवाब खानदान पूरे दमखम से जुटा है। इस बार तीसरी पीढ़ी चुनाव मैदान में है। नवाब खानदान रामपुर शहर के साथ ही स्वार-टांडा सीट से भी चुनाव लड़ रहा है।
रामपुर से पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां तो स्वार-टांडा से उनके बेटे हैदर अली खान उर्फ हमजा मियां मैदान में हैं। हमजा मियां पहली बार चुनाव मैदान में उतरे हैं। इनसे पहले भी नवाब खानदान की दो पीढ़ी चुनाव लड़ती रही हैं। नवेद मियां लगातार पांच बार विधायक का चुनाव जीत चुके हैं। प्रदेश सरकार में मंत्री भी रहे। उनके पिता जुल्फिकार अली खां उर्फ मिक्की मियां पांच बार और मां बेगम नूरबानो दो बार सांसद चुनी गईं।
इस बार नवेद मियां कांग्रेस के टिकट पर रामपुर शहर से सांसद आजम खां के मुकाबले चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनके बेटे हैदर अली खान उर्फ हमजा मियां स्वार-टांडा सीट से आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम के मुकाबले चुनाव मैदान में उतरे हैं। स्वार सीट से हमजा मियां के पिता नवेद मियां लगातार चार बार चुनाव जीते हैं, लेकिन पिछले चुनाव में अब्दु्ल्ला आजम से हार गए थे। इसके बाद उन्होंने अब्दुल्ला पर कम उम्र में चुनाव लड़ने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट ने दिसंबर 2019 में अब्दुल्ला की उम्र कम मानते हुए उनकी विधायकी रद्द कर दी।
टिकट मिलने पर भी कांग्रेस छोड़ीः हमजा मियां को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया था, लेकिन वह टिकट मिलने के बाद भी कांग्रेस छोड़कर अपना दल में शामिल हो गए। अब उन्हें अपना दल से टिकट मिलने की उम्मीद है। अपना दल के नाम पर ही वोट मांग रहे हैं। हमजा मियां का कहना है कि नवाब खानदान राजनीति के जरिये रामपुर की तरक्की कराता रहा है। कभी किसी को सताया नहीं, यही वजह है कि हमारे दादा, दादी और पिता को भी लोगों ने कई-कई बार अपना विधायक और सांसद चुना। नवाब खानदान ने हमेशा लोगों के भले के लिए काम किया। वह भी राजनीति के जरिये लोगों की सेवा करना चाहते हैं।