कृषि कानून का अनोखा विरोध, किसान ने जोत डाली 10 बीघा गेहूं की खड़ी फसल
कृषि कानून के विरोध में गांव शहजादपुर के किसान ने गेहूं की लगभग दस बीघा फसल पर ट्रैैक्टर चलाकर नष्ट कर दी। केवल दो बीघा गेहूं अपने खाने के लिए रोकी है। कृषि कानून को लेकर किसानों में गुस्सा है।
मुरादाबाद, जेएनएन। कृषि कानून के विरोध में गांव शहजादपुर के किसान ने गेहूं की लगभग दस बीघा फसल पर ट्रैैक्टर चलाकर नष्ट कर दी। केवल दो बीघा गेहूं अपने खाने के लिए रोकी है।
कृषि कानून को लेकर किसानों में गुस्सा है। वापस लिए जाने की मांग को लेकर इन दिनों दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलनरत भी हैं। अब क्षेत्रीय किसानों द्वारा अपनी फसलों को खुद ही नष्ट किया जा रहा है। अमरोहा के मंडी धनौरा के ग्राम शहजादपुर निवासी किसान जितेंद्र ने किसान कानून के विरोध में अपनी 10 बीघा गेहूं पर ट्रैक्टर चलाकर नष्ट करने का दावा किया है। जितेंद्र के पास करीब 60 से 70 बीघा भूमि है। उसने 13 बीघा भूमि पर गेहूं की फसल की बुवाई कर रखी है। शेष पर उसने गन्ने की बुवाई कर रखी है। इसमें से उसने 10 बीघा भूमि पर किसान बिल के विरोध में ट्रैक्टर चला कर नष्ट कर दिया है। वहीं तीन बीघा भूमि पर बची गेहूं को अपने खाने पीने के लिए रोका है। जितेंद्र का कहना है कि वह कानून का विरोध करते हैं। विरोध स्वरूप ही अपनी फसल को नष्ट कर रहे हैं। इसे भी व्यापारियों को नहीं बेचेंगे। गेहूं की फसल अपने खाने पीने के लिए रोकी है। इसी तरह गजरौला के ग्राम दरियापुर बुजुर्ग में गेंहू की फसल जाेती गई। यहां के किसान नरेंद्र सिंह ने लगभग बीस बीघा में से छह बीघा में फसल ट्रैक्टर से जोत नष्ट करने का दावा किया है।