बेरोजगारी की मार, बीएससी-एमएससी पास भी स्वीपर पद के दावेदार, बोले-डिग्री में क्या रखा है
कोविड-19 संविदा भर्ती साक्षात्कार के समय सामने आई हैरान करने वाली तस्वीर। डिग्री से ज्यादा रोजगार को ज्यादा महत्व दे रहे युवा।
मुरादाबाद (अनुज मिश्र)। उम्र 24 साल। लंबाई करीब छह फुट। चेहरे पर अजीब सी बैचेनी। किस पद के लिए आवेदन किया है, सामने से आवाज आई स्वीपर पद के लिए। शैक्षिक अर्हता, बीएससी पास।
शुक्रवार को हैरान करने वाली यह तस्वीर सामने आई विकास भवन दफ्तर में, जहां कोविड-19 संविदा भर्ती के लिए साक्षात्कार चल रहे थे। डिलारी के रहने वाले सालिक राम बताते हैं कि नौकरी कहां रखी है, जो मिल जाए वही सही है। डिग्री से क्या होता है, काम ही तो करना है। जिन पदों के लिए भर्ती है उनमें अन्य किसी में आवेदन कर नहीं सकते, तो स्वीपर ही सही। आखिर करूं भी तो करूं क्या, कोई और विकल्प भी तो नहीं है। कुछ ऐसी ही कहानी थी कांठ के मिथलेश की। मिथलेश कहते हैं कि नौकरी की जानकारी मिली। देखा तो किसी और पद के लिए आवेदन कर नहीं सकता था तो इसी पद के लिए कर दिया। यदि नौकरी लग जाएगी तो कम से कम कुछ तो कमा लूंगा। यही इन दिनों काम आएगा। कोरोना संकट के चलते काम-धाम कहीं मिल नहीं रहा। ऐसे में किया भी क्या जाए। कुछ तो करना ही है। इस समय बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है। ऐसे में जो काम मिल जाए वही करना ज्यादा उचित रहेगा। कब तक बेरोजगार बैठे रहेंगे। बड़ी बेफ्रिकी से मिथलेश कहते हैं कि यहां तो ऐसे बहुत से लोग होंगे, जबकि स्वीपर पद के लिए शैक्षिक अर्हता सिर्फ कक्षा आठ पास तय की गई थी। अब लोग रोजगार को तरजीह दे रहे हैं न कि डिग्री को।