सड़कों पर खड़े ट्रकों के टायर खोलने वाले गिरोह का पर्दाफाश
सड़कों पर खड़े ट्रकों के टायर खोलने वाले गिरोह का पर्दाफाश।
मुरादाबाद, जेएनएन। मैनाठेर पुलिस ने लॉकडाउन में सड़क किनारे खड़े ट्रकों के टायर खोलकर चोरी करने वाले चार बदमाशों को गिरफ्तार करके गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस को चकमा देकर मौके से फरार हुए पांचवे बदमाश की तलाश की जा रही है।
प्रभारी निरीक्षक थाना मैनाठेर मनोज कुमार सिंह ने बताया कि गुरुवार को रात करीब एक बजे उप निरीक्षक कृष्णपाल सिंह और कुलजीत सिंह गागन तिराहे पर वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। इस दौरान सूचना मिली कि लॉकडाउन में सड़कों के किनारे खड़े ट्रकों से टायर चोरी करने वाले गिरोह के सदस्य सम्भल की तरफ से आ रहे हैं। दोनों उप निरीक्षक पुलिस टीम के साथ फरीदपुर गांव के पास पहुंचकर वाहनों की चेकिंग करने लगे। पुलिस ने जैसे ही मुरादाबाद की तरफ से आ रहे ट्रक संख्या यूपी-21 सीएन-5094 को रोकने की कोशिश की तो चालक उसे भगाकर ले जाने लगा लेकिन, पुलिस ने उसे थोड़ी दूर पर ही घेरकर रोक लिया। इस दौरान ट्रक से ग्राम डींगरपुर निवासी अकरम पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। पुलिस ने ट्रक से उसके भाई असलम के अलावा गुरेर गांव निवासी मुशर्रफ हुसैन, ग्राम मसेबी के शकील और राहुल को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए बदमाशों से ट्रकों से चोरी किए गए आठ टायर मय रिम के और दो बैट्री बरामद हुई हैं। प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक पांचवें आरोपित की तलाश की जा रही है। यह गिरोह लॉकडाउन में खड़े ट्रकों को निशाना बना रहा था। इस तरह घटना को देते हैं अंजाम
-गिरोह का पर्दाफाश करने वाली टीम के उप निरीक्षक कुलजीत सिंह ने बताया कि जिस ट्रक से बदमाश घटना को अंजाम देते हैं, वह उसके ही ड्राइवर और क्लीनर हैं। वह सड़क किनारे खड़े ट्रकों के पास जाकर अपनी गाड़ी भी रोक लेते थे। इसके बाद दो साथियों को यह पता लगाने भेज देते थे कि जिस ट्रक के टायर खोलने हैं, उसके ड्राइवर और क्लीनर कहां हैं। आसपास न होने पर वह टायर खोल लेते हैं। आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने छह टायर और दो बैट्री कानपुर रोड पर उन्नाव में खड़े ट्रकों से चोरी किए हैं। बाकी दो टायर सम्भल रोड पर खड़े ट्रक से खोले थे। इस मामले में मुकदमा पहले से ही दर्ज है। 22 हजार है नए एक टायर की कीमत
पुलिस के मुताबिक ट्रक के एक नए टायर और रिम की कीमत करीब 22 हजार है। बदमाश ट्रकों से चोरी हुए टायर रिम समेत 15 हजार से भी कम में बेच देते हैं। उनकी पहचान तो कुछ होती नहीं। ट्रक मालिक भी ऐसे टायरों को आसानी से खरीद लेते हैं। उनसे बहाना यह करते हैं कि कटी हुई गाड़ियों के टायर रिम समेत हम खरीद लेते हैं।