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छह साल की भतीजी से दुष्कर्म करने पर चाचा को उम्रकैद, एक लाख रुपये जुर्माना भी देना होगा

Punishment for misdeed of child कोर्ट में सुनवाई के बाद इस मामले के सभी गवाह अपने बयान से पलट गए थे। पीड़िता के बयान के आधार पर आरोपित को उम्रकैद की सजा के साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।

By Narendra KumarEdited By: Published: Wed, 13 Oct 2021 06:52 AM (IST)Updated: Wed, 13 Oct 2021 06:52 AM (IST)
छह साल की भतीजी से दुष्कर्म करने पर चाचा को उम्रकैद, एक लाख रुपये जुर्माना भी देना होगा
पाक्सो कोर्ट ने सुनाई आरोपित को उम्रकैद की सजा।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Punishment for misdeed of child : छह साल की भतीजी के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने वाले चाचा को पाक्सो कोर्ट तृतीय ने दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। चार साल पहले कटघर थाना क्षेत्र में घटना को अंजाम दिया गया था। पीड़ित नाबालिग के पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज करने के बाद आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। हालांकि, कोर्ट में सुनवाई के बाद इस मामले के सभी गवाह अपने बयान से पलट गए थे। पीड़िता के बयान के आधार पर आरोपित को उम्रकैद की सजा के साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।

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कटघर थाना क्षेत्र के मुहल्ले में बरेली से परिवार आया था। इसमें माता-पिता के साथ छह साल की बच्ची भी थी। पड़ोस में ही बच्ची का चाचा भी रहता था। सभी पीतल बस्ती स्थित फर्म में काम करते थे। विशेष लोक अभियोजक मुहम्मद अकरम खां ने बताया कि 22 मार्च 2017 को दोपहर करीब दो बजे बच्ची घर के बाहर खेल रही थी। तभी पड़ोस में रहने वाले चाचा अजविंदर ने बच्ची को टाफी देने के बहाने से घर बुला लिया। चाचा ने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। बच्ची के शोर मचाने पर आसपास के लोग भी पहुंच तो चाचा बच्ची को छोड़कर भाग निकला। पीड़ित के मां और पिता ने पुलिस को सूचना देने के साथ ही बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया था। तहरीर के आधार पर कटघर थाना पुलिस ने आरोपित अजविंदर के खिलाफ नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस के द्वारा कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल होने के बाद इस मामले की सुनवाई शुरू हुई। इस मामले में कुल नौ लोगों के बयान कोर्ट में दर्ज होने थे। मुख्य गवाह माता-पिता कोर्ट में जाकर बयान से पलट गए थे। माता-पिता के बयान से पलटने के बाद विशेष लोक अभियोजक ने इस मामले में दखल देते हुए बच्ची को बयान के लिए दोबारा से बुलाया। बच्ची ने अपने साथ हुई घटना के बाद सही जानकारी देते हुए बयान दर्ज कराए। पोक्सो कोर्ट तृतीय के एडीजे सुभाष सिंह ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपित चाचा अजविंदर को उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।


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