मुन्नी देवी जच्चा-बच्चा अस्पताल में बिना चिकित्सक हो रही डिलीवरी Amroha news
अमरोहा के जच्चा बच्चा अस्पताल में महिला चिकित्सक के न होने से गभर्वती महिलाओं का प्रसव नर्स करा रही है। महिलाओं की सेहत से खुलेआम खिलवाड किया जा रहा है।
अमरोहा । मुन्नी देवी जच्चा-बच्चा अस्पताल में डिलीवरी कराने के नाम पर महिलाओं की ङ्क्षजदगी से खिलवाड़ हो रहा है। बिना चिकित्सक के ही अस्पताल संचालित है। चिकित्सक के नाम पर महज एक बीयूएमएस व एक स्टाफ नर्स की तैनाती है, जबकि पांच स्टाफ नर्स संविदा व आउटसोर्सिंग पर काम कर रही हैं। विशेषज्ञ चिकित्सक न होने से प्रसूताएं अब डिलीवरी कराने से कतरा रही हैं। फिर भी स्वास्थ्य विभाग गंभीर नहीं है। मुन्नीदेवी प्रसवोत्तर केंद्र के पास ही सीएमओ डॉ.आरसी शर्मा का आफिस व निवास है। वह समय-समय पर विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों का दौरा कर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का जायजा भी लेते रहते है, लेकिन मुन्नी देवी प्रसवोत्तर केंद्र पर लंबे अरसे से स्टाफ की कमी बनी हुई है। केंद्र पर बिना चिकित्सक के ही प्रसूताओं की डिलीवरी हो रही हैं। स्टाफ की बात करें तो प्रसवोत्तर केंद्र पर चिकित्सक के नाम पर महज एक बीयूएमएस चिकित्सक व एक स्थाई नर्स की तैनाती है। जबकि पांच स्टाफ नर्स संविदा व आउटसोर्सिंग की हैं। इनका कार्यकाल भी समाप्त होने के कगार पर है। यहां रोजाना लगभग एक-दो बच्चों की डिलीवरी होती है, लेकिन यहां जच्चा-बच्चा की जान को बराबर खतरा बना रहता है। विभागीय अधिकारी सबकुछ जानने के बावजूद अंजान बने हुए हैं। वह किसी विशेषज्ञ चिकित्सक की तैनात करने की बजाय चुप्पी साधे हैं।
प्रसवोत्तर केंद्र में यह है स्टाफ के मानक
प्रसवोत्तर केंद्र में प्रसूताओं की डिलीवरी के लिए चिकित्सकों व स्टाफ नर्सो का मानक निर्धारित है। जिसमें केंद्र पर एक महिला गायनो, महिला विशेषज्ञ चिकित्सक, तीन स्टाफ नर्स, तीन वार्ड आया, दो स्वीपर होना आवश्यक है। बावजूद इसके मुन्नी देवी प्रसवोत्तर केंद्र में लंबे अरसे से स्टाफ का अभाव है।
छेवड़ा, मेहम्दी सराय उपकेंद्र पर भी नहीं स्टाफ
स्वास्थ्य विभाग की माने तो छेबड़ा, मेहम्मदी सराय के स्वास्थ्य उपकेंद्र भी बिना चिकित्सक के ही चल रहा है। वहां प्रसूताओं के आने पर जिला अस्पताल या अन्य सीएचसी से स्टाफ को बुलाकर डिलीवरी कराई जाती है।
महिला चिकित्सक का लंबे समय से अभाव
प्रसवोत्तर केंद्र पर महिला चिकित्सक का लंबे समय से अभाव है। शासन से मांग भी नहीं की गई है, क्योंकि यहां इतनी आवश्यकता नहीं है। नार्मल डिलीवरी की जाती हैं। गंभीर प्रसूताओं को जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है।डॉ. आरसी शर्मा, सीएमओ ।