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उज्ज्वला योजना के गैस सिलेंडर पड़े ठंडे, लकड़ी और उपले पर बन रहा खाना

उज्ज्वला योजना के सिलेंडर और चूल्हे शोपीस बनकर रह गए हैं। गरीब परिवार अभी भी गैस के बजाय लकड़ी और उपले पर ही खाना बना रहे हैं।

By RashidEdited By: Published: Tue, 08 Jan 2019 03:11 AM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 03:05 PM (IST)
उज्ज्वला योजना के गैस सिलेंडर पड़े ठंडे, लकड़ी और उपले पर बन रहा खाना
उज्ज्वला योजना के गैस सिलेंडर पड़े ठंडे, लकड़ी और उपले पर बन रहा खाना

मुरादाबाद । उज्ज्वला योजना के सिलेंडर और चूल्हे शोपीस बनकर रह गए हैं। गरीब परिवार अभी भी गैस के बजाय लकड़ी और उपले पर ही खाना बना रहे हैं। गरीब परिवार प्रत्येक माह 14 किलो के बजाय चार किलो गैस की खपत करते हैं। धुआं रहित खाना बनाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की योजना तैयार की गई है।

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वर्ष 2016 में सरकार ने शुरू की थी योजना

सरकार ने वर्ष 2016 में उज्ज्वला योजना शुरू की थी। इसके तहत आरक्षित वर्ग के गरीब परिवारों को निश्शुल्क रसोई गैस का कनेक्शन देने के साथ किस्तों में गैस चूल्हा भी उपलब्ध कराया जा रहा है। गरीब परिवार लकड़ी, उपले, पत्ते आदि जलाकर खाना तैयार करते हैं। धुएं के कारण खाना बनाने वाली महिलाएं व परिवार के अन्य सदस्य टीबी और अन्य बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं। विशेष अभियान चलाकर जिले में तीनों कंपनियों ने एक लाख 50 हजार 878 परिवारों को गैस कनेक्शन दिया है। इसी कड़ी में सरकार ने एक जनवरी से सभी जाति के गरीब परिवारों को फ्री में गैस कनेक्शन उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है।

गैस भरवाने वाले उपभोक्ताओं की संख्या बेहद कम

गैस कनेक्शन जारी होने के बाद भी गैस एजेंसियों पर गैस रीफिलिंग कराने वाले उपभोक्ताओं की संख्या काफी कम है। जिले में उज्ज्वला कनेक्शन धारक प्रत्येक माह चार किलो गैस की खपत करते हैं। कंपनी के आकलन के अनुसार एक सामान्य परिवार एक माह में एक सिलेंडर गैस (14.200 किलो ग्राम) की खपत करता है। इसी के आधार पर सरकार प्रत्येक उपभोक्ता को एक साल में 12 सिलेंडर अनुदान पर देती है। हालांकि उज्ज्वला उपभोक्ता अभी भी उपले व लकड़ी आदि जलाकर खाना बना रहे हैं।

पांच किलो वाले सिलेंडर की भी है वैकल्पिक व्यवस्था

उज्ज्वला के नोडल अधिकारी व आइओसी के सहायक प्रबंधक सेल्स एएस खत्री ने बताया कि उपभोक्ता द्वारा गैस की खपत कम करना चिंता का विषय है। गरीब परिवार के लिए पांच किलो वाला सिलेंडर लेने की वैकल्पिक व्यवस्था भी है। यह सिलेंडर अनुदान के बाद दो सौ रुपये से कम कीमत पर उपलब्ध है। प्रत्येक गरीब परिवार को एक साल में पांच किलो वाला 34 सिलेंडर अनुदान में दिया जाएगा। गांव में जाकर इसके लिए उज्ज्वला परिवार को जागरूक किया जा रहा है।

इतने कनेक्शन किए गए गए जारी

आइओसी-72105, बीपीसी- 54625, एचपीसी-24148।  


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