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SHOOTOUT AT SAMBHAL : सुरक्षा नियमों में लापरवाही से गई दो सिपाहियों की जान Sambhal News

तीन बंदियों की ओर से दो पुलिस कर्मियों की हत्या करने के मामले में सुरक्षा में लापरवाही की बात सामने आ रही है। बंदियों के साथ पांच पुलिस कर्मी ही भेजे गए थे।

By Narendra KumarEdited By: Published: Fri, 19 Jul 2019 12:49 AM (IST)Updated: Fri, 19 Jul 2019 06:22 AM (IST)
SHOOTOUT AT SAMBHAL : सुरक्षा नियमों में लापरवाही से गई दो सिपाहियों की जान Sambhal News
SHOOTOUT AT SAMBHAL : सुरक्षा नियमों में लापरवाही से गई दो सिपाहियों की जान Sambhal News

सम्भल(सचिन चौधरी)। दो सिपाहियों की हत्या करके तीन बंदियों के फरार होने की घटना के पीछे पुलिस के सुरक्षा नियमों में लापरवाही बरतने को भी माना जा रहा है। पुलिस अधिकारी चंद लीटर तेल का लालच न करते और एक के बजाय दो वाहन भेजते तो शायद इतनी बड़ी घटना नहीं होती। एक वाहन की जरूरत कैदियों से भरी वैन को एस्कॉर्ट करने के लिए पड़ती। इसमें अलग से तेल खर्च होता। इसको बचाने के चक्कर में अफसरों ने लापरवाही बरती और घटना हो गई।

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पुलिस कर्मियों को सौंपी जाती है जिम्मेदारी

अपराधियों को पुलिस अभिरक्षा में जेल से लाने और ले जोन का जिम्मा पुलिस कर्मियों को सौंपा जाता है। इन पुलिस वालों की ड्यूटी बंदियों की संख्या के हिसाब से लगाई जाती है। बंदियों की संख्या अधिक होने पर वाहन के साथ एस्कॉर्ट वाहन भी होता है। बुधवार की शाम सम्भल जनपद में थाना बनियाठेर थानाक्षेत्र के गांव देवाखेड़ा के पास पुलिस वाहन में सवार 24 बंदियों में से तीन ने पुलिस कर्मियों की आंख में मिर्च पाउडर झोंक कर पिस्टल और तमंचे से फायङ्क्षरग करके दो सिपाहियों को मौत के घाट उतार दिया और फरार हो गए। इस दौरान पहले से छिपे उनके साथी भी वहां पर आ गये और उन्होंने भी पुलिस कर्मियों पर फायङ्क्षरग करना कर दिया। 

फर्ज निभाते हुए शहीद हुए सिपाही

यदि इस घटना की तह तक जाएं तो पूरी तरह से विभागीय लापरवाही सामने आ रही है। जिस कारण अपना फर्ज निभाते हुए सिपाही हरेंद्र व ब्रजपाल शहीद हो गए। अधिकारियों की मानें तो बंदियों की संख्या के आधार पर बंदी वाहन में पुलिस कर्मियों की संख्या सुनिश्चित की जाती है। यदि बंदियों की संख्या अधिक होती है तो कैदी वाहन के साथ एक एस्कॉर्ट वाहन भी रहता है लेकिन, सम्भल में पुलिस अधिकारियों ने नियम कानून की अनदेखी की। 

15 पुलिस कर्मियों की सुरक्षा में जाने चाहिए थे बंदी

बुधवार को जिन बंदियों को चन्दौसी अदालत से मुरादाबाद जेल ले जाया जा रहा था, उनके साथ में मात्र पांच पुलिस कर्मी ही मौजूद थे। जबकि वैन में 24 कैदी थे। इन कैदियों को कम से कम 15 पुलिस कर्मियों की सुरक्षा देनी चाहिए थी लेकिन, 15 पुलिस र्किमयों को जाने के लिए दूसरे वाहन की आवश्यकता थी। इसी के चलते बंदियों के साथ मात्र पांच पुलिस कर्मी ही भेजे गए थे। 


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